Malegaon Blast Case: बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी, कोर्ट ने दिया ये आदेश

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पेशी में उपस्थित होने की छूट मांगी गई थी।

Pragya Thakur

Malegaon Blast Case: बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल, मुंबई की एक विशेष NIA कोर्ट ने सोमवार को मालेगांव बम धमाके की सुनवाई की। इस दौरान आदेश के बावजूद के भी कोर्ट में नहीं उपस्थित हुई। जिसको लेकर कोर्ट ने उनके खिलाफ 10 हजार रुपए का जमानती वांरंट जारी कर दिया है।

कोर्ट ने खारिज किया आवेदन

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पेशी में उपस्थित होने की छूट मांगी गई थी। जिसको कोर्ट ने खारिज कर सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया। जिसे 20 मार्च को होने वाली अगली पेशी को वापस किया जा सकता है। यह आदेश कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जारी किया है।

बीजेपी ने काटा टिकट

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी की तरफ से मध्य प्रदेश की 24 सीटों पर उम्मीदवारों सहित देश के 195 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई है। जिसमें भोपाल मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काट दिया गया है। वहीं इस बार उनकी जगह भोपाल के पूर्व मेयर आलोक शर्मा को टिकट दिया गया है।

साल 2008 में हुआ था मालेगांव बम धमाका

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को बाइक में रखे में रखे विस्फोट सामाग्री से धमाका हुआ था। जिससे 6 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं धमाका होने वाली बाइक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम दर्ज था। इस मामले की जांच पहले महाराष्ट्र एटीएएस द्वार की गई, जिसे साल 2011 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई थी। इस मामले में 323 गवाह बने थे जोकि बाद में 34 गवाह अपने बयान से पलट गए थे। वहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को साल 2017 में महाराष्ट्र हाई कोर्ट की तरफ से जमानत दे दिया गया था।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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