अतिवर्षा, बाढ़ आदि से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल से परेशान किसानों के दर्द को समझते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू की है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे उनके नुकसान की भरपाई सरकार करेगी, सरकार के इस भरोसा पर किसान भी भरोसा करते दिखाई दे रहे हैं
भावांतर योजना के पंजीयन में किसान पूरे उत्साह से शामिल हो रहे हैं। 3 अक्टूबर से शुरू हुए पंजीयन में मात्र तीन दिन में ही अभी तक प्रदेश भर में 61 हजार 970 किसानों ने पोर्टल पर अपना पंजीयन कराया है। भावांतर योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपा गया है।

5328 रुपए प्रति क्विंटल है सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पादन का मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस तरह धान और गेहूं पर किसानों को उनके परिश्रम की कीमत दिलवाने का कार्य किया गया है, उसी तरह सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी लाभ दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि सोयाबीन उत्पादक किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें और हितग्राही को सीधा लाभ मिलना चाहिए।
मात्र तीन दिन में ही 61,970 किसानों ने कराया पंजीयन
भावांतर योजना के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रदेश में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन का कार्य 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। भावांतर की अवधि 24 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होकर 15 जनवरी 2026 तक रहेगी। पंजीकृत कृषक और उनके रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया राजस्व विभाग के माध्यम से होगी। भावांतर की राशि पंजीयन के समय दर्ज किसान के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी।
17 अक्टूबर तक होगा पंजीयन
उलेखनीय है कि प्रदेश में सोयाबीन खरीफ भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत किसानों का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर 3 से 17 अक्टूबर तक होगा। पंजीयन PACS /CSC/ MP किसान ऐप के माध्यम से कराए जाएंगे। योजना अंतर्गत सोयाबीन विक्रय अवधि दिनांक 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी।
किस जिले में कितने पंजीयन
प्रदेश में सोयाबीन फसल के उपार्जन के लिए इंदौर जिले के 12 हजार 207, शाजापुर जिले के 11 हजार 731, उज्जैन जिले के 8 हजार 221, राजगढ़ जिले के 5 हजार 468, आगर मालवा जिले के 3540, देवास जिले के 2894, सीहोर जिले के 2331, विदिशा जिले के 2207, बड़वानी जिले के 1543, हरदा जिले के 1318, रतलाम जिले के 1241, खरगौन जिले के 1207, मंदसौर जिले के 999, दमोह जिले के 992, धार जिले के 899, रायसेन जिले के 801, सागर जिले के 799, बैतूल जिले के 748, नीमच जिले के 461, गुना जिले के 421, खंडवा जिले के 368, नरसिंहपुर जिले के 319, अशोक नगर जिले के 269, झाबुआ जिले के 215,छिंदवाड़ा जिले के 199, नर्मदापुरम जिले के 132, भोपाल जिले के 102, बुरहानपुर जिले के 75, शिवपुरी जिले के 49, उमरिया जिले के 44, अनूपपुर जिले के 41, छतरपुर जिले के 27, ग्वालियर जिले के 22, श्योपुर जिले के 20, बालाघाट जिले के 17, अलीराजपुर जिले के 16 किसानों ने पंजीयन कराया है।










