Bhopal Anil Mathew Arrested : राजधानी भोपाल में एनजीओ के अवैध चिल्ड्रन्स होम मामलें में पुलिस ने संचालक अनिल मैथ्यू को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामलें में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे है, आबकारी विभाग से जुड़े एक बड़े अधिकारी के भी तार इस मामलें में जुड़े होने की जानकारी मिली है, इसी अधिकारी के माध्यम से अनिल मैथ्यू को फंडिंग हो रही थी, बालगृह पर कार्रवाई के बाद से यह अधिकारी भी नदारत है।
कार्रवाई के बाद हड़कंप
गुरुवार को भोपाल से करीबन 25 किलोमीटर दूर परवलिया गांव में बने आँचल छात्रावास में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापा मारा था, छापे के दौरान टीम को कई चौकाने वाले सबूत मिले थे। चिल्ड्रन होम में 68 बच्चियों के नाम रजिस्टर में मिले थे लेकिन मौके पर 41 बच्चियाँ ही आयोग की टीम को मिली थी जिसके बाद यह बात सामने आई की होम से 26 बच्चियाँ गायब है।
मची सनसनी
मामला सामने आते ही सनसनी फैल गई, सीएम ने इस मामलें को बेहद गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और, यहां से लापता सभी 26 बच्चियों को तलाशने में जुट गई, हालांकि शनिवार को पुलिस ने 26 बच्चियों के मिल जाने की पुष्टि कर दी है। पुलिस की माने तो इन्हें भोपाल और आसपास के क्षेत्र से बरामद किया गया है, वही मामले में लापरवाही बरतने पर परियोजना अधिकारी समेत तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार को यह मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर और एसपी ने भी चिल्ड्रन्स होम का दौरा किया। आंचल नाम के इस चिल्ड्रन्स होम में कुल 68 बच्चियां रजिस्टर्ड हैं। गुरुवार की रात को जब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो समेत राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने यहां निरीक्षण किया तो 68 में से 41 बच्चियां ही मौके पर मिलीं। जिसकी शिकायत पर परवलिया पुलिस ने शनिवार को हॉस्टल संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत दर्ज हिते ही होम का संचालक अचानक बीमार पड़ गया और जैसे ही मामलें ने तूल पकड़ा, संचालक अनिल मैथ्यू फरार हो गया, पुलिस ने उसे रविवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया।
आयोग की टीम की सख्ती
वहीं, दिल्ली पहुंचते ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने इसे गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव वीरा राणा से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांग ली है। मामले को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अतिगंभीरता से लिया है और उन्होंने एक्स (ट्वीटर) के जरिए कहा है, ”भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं का वेरिफिकेशन हो गया है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है। एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा” फिलहाल जिन तीन लोगों पर कार्रवाई की गई है, उनमें सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह(वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा),सीडीपीओ कोमल उपाध्याय, मंजूषा राज पर्यवेक्षक, सेक्टर वरवलिया को निलंबित किया गया है। साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही कलेक्टर भोपाल ने छह सदस्यीय जांच दल का गठन कर दिया गया है जोकि पूरे मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
हो सकते है कई खुलासे
पूरे प्रकरण में मतान्तरण का प्रकरण भी सामने आया है। अधिकांश हिन्दू और मुस्लिम बच्चियों को यहां ईसाई धर्म की प्रेक्टिस कराई जा रही थी। जिसके बारे में स्वयं बच्चियों ने मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा को बताया है। बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब तक की जांच में बच्चियों के साथ किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न और मारपीट संबंधी बात सामने नहीं आई है। सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। आंचल चिल्ड्रन होम का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल आंचल चिल्ड्रन्स होम का संचालक अनिल मैथ्यू फरार चल रहा है। आगे पुलिस जब तक सभी घर गई बच्चियों को जब तक बाल कल्याण समिति भोपाल (सीडब्ल्यूसी) के सामने प्रस्तुत नहीं कर देती है, तब तक यह पूरी तरह से नहीं माना जा सकता है कि वे अपने घरों में हकीकत में सुरक्षित हैं।
पुलिस की लापरवाही, आयोग को नहीं दी जानकारी
अभी तक इस मामलें में पुलिस ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बरामद बच्चियों की कोई जानकारी उपलब्ध नही करवाई है, की 26 बच्चियाँ कौन थी और यहां कैसे आई और घर चली गई, वही जांच में यह भी सामने आया है कि संचालक अनिल मैथ्यू ने तीन साल से इस संपत्ति का टैक्स भी नहीं दिया है, बगैर अनुमति के बना इस छात्रावास के संचालक अनिल मैथ्यू फरार हो गया है, जिसे पुलिस तलाश कर रही है, इसके साथ ही पुलिस सोमवार को छात्रावास में मिली 41 बच्चियों सहित घर लौट चुकी 26 बच्चियों से भी पूछताछ करेगी, कि कही उनके साथ किसी तरह का मानसिक या शारीरिक शोषण तो नही हुआ है, फिलहाल बाल आयोग एक बार फिर सीएम को पत्र लिखने की तैयारी में है कि आखिर पुलिस ने उन्हें अब तक बरामद बच्चियों की जानकारी क्यों नहीं दी है। इसके साथ ही सोमवार से पुलिस और प्रशासन परवलिया में बने इस छात्रावास के दस्तावेजों ,अनुमति, जमीन संबंधी जांच शुरू करेगा।