भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल की सेंट्रल जेल में कैदी द्वारा की कई खुदकुशी मामले में मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लेते हुए जवाब तलब किया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने इस मामले में केन्द्रीय जेल अधीक्षक से जवाब मांगा है।
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बता दें कि भोपाल की केन्द्रीय जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे एक बंदी ने बीते गुरूवार की सुबह बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बंदी को 14 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा था। पुलिस ने उसे 20 जून को ही गिरफ्तार कर दोबारा जेल में दाखिल किया था। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने केन्द्रीय जेल अधीक्षक, भोपाल व अन्य संबंधित अधिकारियों से दो माह में जवाब मांगा है।
गांधीनगर पुलिस के मुताबिक ग्राम ताजपुर, रायसेन निवासी खेमचंद सिंह को रायसेन अदालत ने 25 अगस्त 2014 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनवाई थी। इसके बाद खेमचंद भोपाल केन्द्रीय जेल में सज़ा काट रहा था। उसे 15 फरवरी 2020 को 14 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उसे एक मार्च 2020 को वापस जेल दाखिल होना था। खेमचंद के पैरोल से फरार होने पर केन्द्रीय जेल प्रबंधन ने गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसे 20 जून को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया था। चौबीस जून को सुबह 8ः30 बजे बाथरूम में उसने चादर की किनारे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस केस में मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो गई है और अब मानवाधिकार आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए जवाब मांगा है।