भोपाल में एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविरों में 1324 गर्भवती महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिह्नित किया गया। गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल डिस्पेंसरी, संजीवनी क्लिनिक के साथ साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जवाहरलाल नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल, इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल , हमीदिया अस्पताल, ख़ुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में शिविर आयोजित हुए। शिविरों में चिह्नांकित हाईरिस्क महिलाओं की विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं अतिरिक्त फॉलोअप किया जा रहा है।
महिलाओं का किया पूरा चेकअप
अभियान के तहत निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सकों द्वारा माह में दो बार शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आकर निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। शिविरों में 167 महिलाओं की निजी सोनोग्राफी केंद्रों के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार निशुल्क सोनोग्राफी भी करवाई गई। साथ ही जांच हेतु महिलाओं को लाने एवं घर छोड़ने की सुविधा 108 एंबुलेंस द्वारा निशुल्क दी गई।

मातृ मृत्यु दर को कम करने में इन शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका
26 तारीख को आयोजित शिविर में 366 महिलाओं को गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, पूर्व में सीजेरियन प्रसव होने , एनीमिया, हैबिचुअल अबॉर्शन , पूर्व में मृत शिशु जन्म, ग्रैंड मल्टीपैरा, माल प्रेजेंटेशन जैसी विभिन्न जटिलताओं के आधार पर चिह्नांकित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एक्सटेंड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविर में चिह्नांकित हाईरिस्क महिलाओं को सुरक्षित प्रसव होने तक निरंतर फॉलोअप किया जाता है। मातृ मृत्यु दर को कम करने में इन शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।