BHOPAL NEWS : NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को लेकर दो गुट बन गए है, एक गुट ने हड़ताल का ऐलान करते हुए मंगलवार को काम बंद कर दिया वही देर शाम दूसरे संगठन ने इस हड़ताल से खुद को दूर बताया है। हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए मांगे पूरी न होने तक काम पर वापस न आने की चेतावनी दी है। वही दूसरे संगठन ने हितग्राहियों को परेशानी न हो इसलिए हड़ताल से दूर रहते हुए नियमित टीकाकरण , गर्भवती जांच, प्रसव सहित सभी सेवाएं सुचारू रूप से संचालित करने का दावा किया है।
आपस में ही उलझे संगठन
एक संगठन ने दूसरे पर आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल में भोपाल जिले के संविदा स्वास्थ्यकर्मी शामिल नहीं हुए हैं। जिले की सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं और मैदानी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से निरंतर जारी रही। दरअसल कुछ संगठनों ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का आह्वान किया था, किंतु मरीजों और अन्य हितग्राहियों के हित को देखते हुए भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल में शामिल न होकर स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर दिए जाने का फैसला लिया है।

हड़ताल का नहीं दिखा असर
हड़ताल के पहले दिन 22 अप्रैल मंगलवार को भोपाल जिले में 237 नियमित टीकाकरण सत्रों में से 232 सत्र आयोजित हुए। इस दौरान 831 बच्चों और 187 गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए। इसके साथ ही असंचारी रोग स्क्रीनिंग, टीबी , मलेरिया, कुष्ठ, गर्भवती महिलाओं की जांच एवं हाई रिस्क चिह्नांकन , प्रसव, परिवार कल्याण सेवाएं सहित विभिन्न स्वास्थ्य दी जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भोपाल जिले में 700 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। जिसमें चिकित्सक, प्रबंधकीय स्टाफ, नर्सिंग ऑफिसर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, टीबीएचवी सहित विभिन्न केडर्स शामिल हैं। इनके द्वारा विभिन्न शासकीय अस्पतालों, आयुष्मान आरोग्य केंद्रों, पोषण पुनर्वास केंद्रों, जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र एवं मैदानी स्तर पर अपनी सेवाएं दी जा रही हैं।
पूरे प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मी संगठन दो फाड़ हुआ
दरअसल मंगलवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का एक संगठन जिसके प्रमुख जितेंद्र सिंह भदौरिया है उन्होंने बताया की संविदा कर्मी सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर धरने पर बैठ गए है, संगठन ने दावा किया की पूरे प्रदेशभर के 32 हजार संविदा कर्मी उनके साथ है, सरकार की तरफ से उन्हे सिर्फ वेतन का लाभ मिलता है बाकी छुट्टियाँ और अन्य योजनाओ का लाभ न मिलने से नाराज वह हड़ताल पर बैठ गए लेकिन वही देर शाम दूसरे गुट जिसके प्रमुख कोमल सिंह है, उन्होंने इस हड़ताल को नकार दिया।