भोपाल नगर निगम के कर्मचारियों ने अपने ही संगठन के खिलाफ खोला मोर्चा, अध्यक्ष पर अपमानित करने का आरोप लगा दिया सामूहिक इस्तीफा

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हम छोटे कर्मचारी जरुर हैं लेकिन हमारी भी इज्जत है मान सम्मान है इसलिए ऐसे संगठन में हम नहीं रह सकते जहाँ हमें अपमानित किया गया है ।

Atul Saxena
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Bhopal News

Bhopal News : मध्य प्रदेश शासकीय वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ दो फाड़ हो गया है, भोपाल नगर निगम में कार्यरत संगठन के करीब 3000 सदस्यों ने अपने पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है,  इस्तीफा देने वालों का आरोप है कि संगठन की मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष और भोपाल नगर निगम शाखा अध्यक्ष के सामने  उन्हें भारी मीटिंग में अपमानित किया गया, उनके लिए कुत्ता शब्द का उपयोग किया गया इसलिए वे ऐसे संगठन से खुद को अलग कर रहे हैं।

भोपल नगर निगम मुख्यालय के बाहर आज नगर निगम के कर्मचारी आक्रोशित दिखे, खास बात ये है कि उनका ये आक्रोश नगर निगम के खिलाफ नहीं था बल्कि उनके ही उस संगठन के खिलाफ था जिसके बैनर पर वे लंबे समय से  यहाँ आंदोलन करते आये हैं लेकिन आज बात अलग है।

कर्मचारियों ने अपने ही संगठन के खिलाफ खोला मोर्चा

कर्मचारी नेता अरविंद वैद और हामिद मोहम्मद खान ने कहा कि आज वो और उनके हजारों साथी एक ऐसा निर्णय ले रहे हैं जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा नहीं था, कर्मचारी नेताओं ने नगर निगम  शाखा अध्यक्ष इरफ़ान अल्ताफ पर अभद्र करने, कर्मचारियों की परेशानियों को अनसुना करने का आरोप लगाया है।

मीटिंग में कर्मचारियों को कुत्ता बोलने का आरोप

कर्मचारी नेताओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन द्वारा कर्मचारियों के हित में कोई काम नहीं किया जाता, उन्होंने कहा कि हाल ही में नगर निगम में यूनियन की बैठक हुई जिसमें प्रदेश अध्यक्ष साबिर खान, नगर निगम शाखा अध्यक्ष इरफ़ान अल्ताफ के सामने एक पदाधिकारी हम सबको कुत्ता बोल रहा है और ये सब ताली बजा रहे थे।

21 पदाधिकारी सहित करीब 3000 सदस्यों ने दिया संगठन से इस्तीफा  

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हम छोटे कर्मचारी जरुर हैं लेकिन हमारी भी इज्जत है मान सम्मान है इसलिए ऐसे संगठन में हम नहीं रह सकते, नेताओं ने कहा कि हम करीब 21 पदाधिकारियों ने पहले केवल पदों से इस्तीफा दिया था लेकिन अध्यक्ष का रवैया देखते हुए संगठन से जुड़े करीब 3 हजार सदस्य संगठन की सदस्यता से ही इस्तीफा देते हैं, उन्होंने कहा कि जल्दी ही हम अपना नया विकल्प आपको बताएँगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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