होली स्पेशल: 93 साल पहले क़सरे सुल्तानी महल में होता था नवाब साहब का होली मिलन

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भोपाल।  रंगों का त्यौहार होली जहां एक तरफ रंगों के साथ खुशियां लाता है वहीं दूसरी तरफ बदलते दौर के साथ इसमें कई तरह के बदलाव भी हुए हैं, इस बारे में बात करते हुए साहित्यकार और लेखक श्याम मुंशी ने बताया कि नवाबी दौर में होली एक अलग ही अंदाज में मनाई जाती थी नवाब हमीद उल्लाह खान महल क़सरे सुल्तानी यानी अब जहां सेफिया कॉलेज लगता है यह अहमदाबाद में स्थित है। यहां नवाब साहब शहर के प्रतिष्ठत लोगों को बुलाते थे और होली मिलन समारोह की तरह यह आयोजित किया जाता था। यह दौर सन् 1926 से 1949 तक हमीद उल्लाह खां के समय में रहा। 

होते थे कवि सम्मेलन और मुशायरे 


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