भोपाल,रवि नाथानी। राजधानी भोपाल (bhopal) के व्यापारिक नगर बैरागढ़ में नगर निगम के अधिकारियों का काम करने का तरीका अलग है, जिन दुकानों पर सालों से किराया वसूल करना है। उनके छोटे-छोटे अतिक्रमण हटाकर अपनी डयूटी कर रहा है। व्यापारी किराए जमा न होने की वजह निगम के वसूली अमले पर बिना बिल दिए, कम्प्यूटर न चलने का बहाना, कुछ लेन देन कर किराया न लेने का आरोप लगा रहे हैं।
बता दें कि संत नगर के वार्ड क्रमांक चार और पांच की करीब 20 दुकान के आगे किए गए अतिक्रमण को तोडने की कार्रवाई शनिवार शाम को की गई। जबकि इस समय दीपोत्सव का त्यौहार चल रहा है और वैसे ही मार्केट में ग्राहाकी शुरू होने वाली है ऐसे में निगम का अमला इस तरह से व्यापारियों को परेशान कर रहा है।
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संत नगर के बस स्टेंड पर करीब आठ से दस दुकाने और सीहोर नाके पर बनी निगम की दुकानों के किराया जमा नहीं होने के बाद कुछ दिन पहले ही किराऐ दारों को नोटिस दिए गए। नोटिस मिलने के तीन दिन बाद शनिवार को अमला यहां पहुंचा और दुकानों के अतिक्रमण को तोड़ दिया गया। अतिक्रमण को तोड़ते ही व्यापारी नाराज भी हुए और कहा जब हम वहां पर आकर किराया जमा करने की बात करते है तो लिया नहीं जाता और तीन दिन पहले नोटिस देकर दुकाने तोड़ दी जाती है, जो कहीं से कहीं तक ठीक नहीं है।
इधर इस मामले में कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी का कहना है कि व्यापारियों के साथ भाजपा की सरकार अन्नाया कर रही है, त्यौहार के समय पर इस तरह की कार्रवाही करना ठीक नहीं है। वहीं भाजपा के पूर्व नेता और समाज सेवी हरीश बिनवानी भी यहां पर पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों का साथ दिया। उनका कहना है यह कार्रवाही ठीक नहीं है।
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वसूली को लेकर गंभीर नहीं
नगर निगम के अधिकारी वसूली को लेकर कहीं ना कहीं लापरवाही बनी हुई है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि जब आठ से दस साल का किराया निगम के पास इख्टा हो जाता है तो फिर इनकी नींद क्यों खुलती है। हजारों रूपये का किराया निगम ने बकाया लिखा है। व्यापारियों का कहना है कि हम कई बार किराया जमा करने वार्ड कार्यालय जाते है तो हमें कई तरह के बहाने बता कर वहां से बाद में आने को कहा जाता है और जब व्यापार शुरू होता है उस समय इस तरह की कार्रवाही की जाति है।
भष्टाचार के आरोप
संत नगर में नगर निगम के अमले पर व्यापारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते है। विगत दिनों ही संत नगर के सिविल अस्पताल के सामने निगम द्वारा बनाई गई कुछ सिंगल स्टोरी दुकान में छत डालकर दुकानों को बड़ा किया जा रहा था। उस समय निगम के अधिकारी क्या गहरी नींद में थे,छत डलने के बाद जब कुछ अखबारों में यह खबर प्रकाशित हुई और निगम के आयुक्त ने संज्ञान लिया तो फिर उसे तोड़ दिया गया।