Bhopal News : मध्य प्रदेश के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों का राज्य स्तरीय सम्मेलन 13 फरवरी को पीसीसी में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदेशभर से सैकड़ों आउटसोर्स कर्मचारी भाग लेंगे। साथ ही इस सम्मेलन में पदाधिकारी चुने जाएंगे, और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों पर भविष्य में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
बता दें कि सरकारी नौकरियों में आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका प्रथा लागू करना भाजपा सरकार का राजनीतिक फैसला था, भाजपा की केंद्र सरकार ने ही कर्मचारियों से पेंशन और स्थाई नौकरियां छीनी थीं। यदि आपको यह सब बदलना है, और नौकरियों के पुराने रास्ते पर लौटना है, तब यह काम हमें राजनैतिक रूप से संघर्ष करके ही आउटसोर्स प्रथा से मुक्ति दिला सकता हैं, गैर राजनीतिक बने रहकर तो सिर्फ शोषण ही करा सकते हैं, जो 18 साल से होता आ रहा है। कोविड कर्मचारियों, एमपीईबी के आउटसोर्स, संविदा प्रेरकों, मीटर रीडरों सहित हजारों अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, इन सबकी बात करना आज हम सबके लिए बहुत जरूरी हो गया है।
गौरतलब है कि विभिन्न विभागों के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए तय वेतन उन्हें नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार मजदूरों के वेतन के एक हिस्से की भी लूट कर रहे हैं। कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, ओवरटाइम वेतन, वर्दी, मेडिकल, आई कार्ड आदि सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शीघ्र आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण बन्द नहीं हुआ और नियमितीकरण के लिए पॉलिसी न बनी तो आउटसोर्स कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।