Bhopal News : सफाई दरोगा को कुर्ता-पजामा पहने देख भड़की महापौर, बोलीं – यूनिफ़ॉर्म दूसरे को दिलवा दें

Atul Saxena
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Bhopal News : स्वच्छ सर्वेक्षण में राजधानी भोपाल को नंबर एक बनाने के लिए निगम के आला अधिकारियों सहित महापौर मालती राय भी एक्टिव हैं, नियमित निरीक्षण जारी है,जहाँ कमियां दिखाई दे रही हैं वहां उसे सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन आज महापौर मालती राय उस समय भड़क गईं जब उन्हें सफाई दरोगा यूनिफ़ॉर्म की जगह कुर्ता-पजामा पहने दिखाई दिए, महापौर ने फटकार लगाते हुए कहा – यूनिफ़ॉर्म दूसरे को दिलवा दें?

महापौर मालती राय, निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी सहित निगम के अधिकारी और जन प्रतिनिधि स्वच्छता पर विशेष नजर रखने के लिए रोज निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। मंगलवार सुबह भी महापौर मालती राय जोन-4 के वार्ड क्रमांक-15, 16, 17, 18 और 20 में पहुंचीं।

सफाई दरोगा को कुर्ता-पजामा पहने देख भड़की महापौर 

महापौर के साथ एमआईसी मेंबर आरके सिंह बघेल भी थे। टीला जमालपुरा में महापौर निरीक्षण कर रही थीं। तभी उन्होंने वार्ड-15 के सफाई दरोगा के बारे में पूछा। इस पर पीछे खड़े दरोगा चैनसिंह चौहान आगे आए। वे यूनिफ़ॉर्म की जगह कुर्तापजामा पहने हुए थे। इस पर महापौर नाराज हो गईं।

महापौर बोलीं-  हम तो समझे भाजपा कार्यकर्ता हो

सफाई दरोगा को देखकर मेयर राय बोलीं कि तुम दरोगा हो? हम तो समझे थे कि तुम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हो।  महापौर की बात सुनकर दरोगा हंसने लगा तो महापौर और नाराज हो गई, उन्होंने कहा कि ये हंसने वाली बात नहीं हैं, इस पर दरोगा चौहान ने सफाई देते हुए कहा कि मैं सीधे शादी में से यहां आया हूँ। घर नहीं जा पाया। उसकी बात सुनकर महापौर ने कहा कि ऐसा तो नहीं दिख रहा है कि रात भर शादी में रहने के बाद वहीँ से सीधे यहाँ आये हो।

नाराज महापौर बोलीं – यूनिफ़ॉर्म दूसरे को दिलवा दें 

इसके बाद महापौर मालती राय ने दरोगा से पूछा यूनिफ़ॉर्म कहा हैं तुम्हारी ? जिसपर दरोगा सफाई देने लगा मगर नाराज महापर बोली दूसरे को दिलवा दें? मौके पर नाली में गन्दगी देखकर महापौर ने दरोगा को जमकर फटकारा, उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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