Bhopal News : बदला सट्टे का तरीका, अब ऐसे लग रहा हर मैच पर करोड़ों का सट्टा

भोपाल क्राइम ब्रांच सूचना मिलने पर धरपकड़ करती है। जो सट्‌टा लिखते पकड़ा जाऐगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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Bhopal News : आईपीएल का महामुकाबला कल से शुरू होने वाला है। इसके लिए सटोरियों ने अपनी सारी तैयारियां कर ली है। लगभग एक महीने से भी ज्यादा दिनों तक चलने वाले इस खेल में कहा बैठना कैसे कारोबार करना है। इसे लेकर सटोरियों ने सारी तैयारी कर ली है। वहीं सट्‌टे का गेम अब ऑन लाइन हो गया है। अब बुकी सटोरियों को मोबाइल आई डी बाँटते है। उस आई डी में एक अमाउंट तय होता है। इस अमाउंट तक ही आप सट्‌टा लगा सकते है। और इसका हिसाब एक सप्ताह में होता है। इस एक सप्ताह में अगर आप पैसे जीते तो आपकों लेनदार होगे और अगर हार गए तो आपकी आईडी बंद हो जाएगी।

IPL के साथ शुरू होता कारोबार

बता दें कि आईपीएल का आगाज 22 मार्च से होने वाला है। क्रिकेट में बुकिंग लेने वाले शहर से बाहर जा चुके हैं। कहा जा रहा है, क्रिकेट के समय जिन पर पुलिस की नजर रहती है वह गोवा, मुंबई, इंदौर व कई अन्य शहरों में पहुंच चुके हैं। हाइटैक तरीके से सट्‌टा वहां बैठकर लगाएंगे। सुरक्षित जगह पर बैठकर पूरा आईपीएल निपटाएंगे। उपनगर में क्रिकेट पर सट्टा बढ़ता जा रहा है। कुछ सटोरियों के भोपाल की पॉश कॉलोनियां में ठिकाना बनाने की बात कहीं जा रही है। कुछ युवा उनके लिए यहां से बुकिंग लेंगे। मोबाइल आईडी पर हार जीत का दाव लगाने की भनक पास बैठे व्यक्ति को भी नहीं लगती है। बुकी सट्टे बाज को मोबाइल पर आईडी उपलब्ध कराते हैं, एप्स के माध्यम से हार-जीत का दाव लगाया जाता है।

सट्‌टे की लेन देन को लेकर हुई मौते

सूत्रों के अनुसार, विगत सालों में कुछ युवकों ने जो सोसाइट किया था। उनके पीछे कारण सट्‌टे के पैसे की लेन देन का कारण सामने आऐ थे। क्योंकि सट्‌टे का काम आज कल और हाई टेक होने से सट्‌टोरिये मोबाइल आइडी बनाकर देते है। उसमें एक लिमिट होती है, और पैसों की लेन देन एक सप्ताह में होती है। अन्यथा आईडी बंद कर दी जाती है।

होटल और फार्म हाउस तैयार

सट्‌टा का बड़ा मास्टर माइड भोपाल में नहीं बल्कि दुबंई, मुंबई, दिल्ली में बैठा है, और उसके छोटे-छोटे समूहों के हेड भोपाल, मुंबई, गोवा, बेंगलुरु में बैठे है। जो पैसे की उगाही करते है। इसके साथ ये छोटे-छोटे ग्रुप के लिडर आइडी बनाकर देते है। इसी से सट्‌टा लगाने वाला कमाता भी है और गवाता भी है। क्योंकि सट्‌टा हाईटेक हो गया तो पुलिस भी इनको पकड़ने में कड़ी मशक्त करनी पड़ती है। पहले तो मोबाइल फोन पर सट्‌टा बुक किया जाता था, जो ट्रेंड समाप्ति की और है। आज कल पुलिस भी किसी सटोरिये को पकड़ती है। तो पहला उसका एन्ड्रोड फोन छुडा़ती है, क्योंकि उसी में सब कुछ है।

कीपैड फोन का होता है उपयोग

सटोरिया भी पुलिस से बचने के लिए नया तरीका अपनाने लगे है। इनके पास दिखावे वाला फोन कीपैड फोन होता है। अगर पकड़ भी लिए गए तो उसमें कुछ मिलेगा नहीं। इसी कीपैड फोन से एन्ड्रोड फोन ऑपरेट करने वाले व्यक्ति से बात कर सट्‌टे की आईडी से बुकिंग होती है। और टीवी पर क्रिकेट देकर सट्‌टा बुक किया जाता है। इन कीपैड फोन वे फोन ज्यादा बिकते है। जिसमें वाइस रिकॉडिंग होती है।

पुलिस भी तैयार

आईपीएल के सीजन में सटोरियों की तरह पुलिस भी धरपकड़ के लिए अपनी तैयारी करती है। भोपाल क्राइम ब्रांच सूचना मिलने पर धरपकड़ करती है। जो सट्‌टा लिखते पकड़ा जाऐगा उसके खिलाफ कार्रवाही की जाएगी।

भोपाल से रवि कुमार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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