राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर के 68 पॉलीटेक्निक कॉलेजों के प्राचार्य एवं लेक्चरर को सेवा समाप्त होने के बाद इन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य लाभ नहीं मिलने का मामला सामने आया है।
बिना आदेश हटाया जा रहा
दरअसल सन् 1997 में इन कॉलेजों को सरकारी से ऑटोनॉमस किये जाने के कारण वहाँ के प्राचार्य एवं लेक्चरर को इन सभी का लाभ नहीं मिल सकता है। इस कारण कॉलेजों के प्राचार्य एवं लेक्चरर को आर्थिक नुकसान एवं परेशानी का सामना करना पड़ता है। पॉलीटेक्निक कॉलेजों के प्राचार्य एवं लेक्चररों को रिटायरमेंट आदेश दिये बिना ही उन्हें हटाया जा रहा है और पेंशन भी नहीं बन रही है। इस कारण जीवन यापन करने में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

आयोग का नोटिस
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग, मंत्रालय भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।