भोपाल। राजधानी के इकबाल मैदान में एक माह से एनआरसी-सीएए के विरोध में जारी सत्याग्रह पर भी शाहीन बाग और जामिया कैम्पस की तरह किसी तरह के खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। खूफिया विभाग की इस तहरीर को पुलिस के आला अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। सोमवार को पूरे मैदान का जायजा लेने के बाद यहां व्यवस्था चाक-चौबंद करने की तैयारी की गई है। यहां दिखाई देने वाले किसी भी संदिग्ध पर सतत निगरानी रखने के लिए यहां चलित मेटल डिटेक्टर लिए जवान यहां तैनात किए जाएंगे।
एक जनवरी से जारी इकबाल मैदान सत्याग्रह पर पुलिस और खूफिया विभाग की सतत निगरानी है। इसी चौकसी के बीच निकल कर आई जानकारी के मुताबिक इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है कि यहां भी शाहीन बाग और जामिया कैम्पस की तरह किसी तरह की गड़बड़ी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस द्वारा मोबाइल लोकेशन पर रखी जा रही नजर के दौरान करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे लोगों के नंबर ट्रेस किए गए हैं, जो हिन्दुवादी संगठनों से ताल्लुक रखते हैं। इसके बाद सोमवार को डीआईजी इरशाद वली कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इकबाल मैदान का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने पूरे मैदान का मुआयना करने के बाद यहां चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान कहा गया है कि सत्याग्रह स्थल पर पूरे समय पुलिस टीम मौजूद रहेगी। साथ ही यहां दिखाई देने वाले हर संदिग्ध की जांच करने के लिए चलित मैटल डिटेक्टर लिए जवान भी तैनात किए जाएंगे। सत्याग्रह टीम की तरफ से मिर्जा जावेद बेग, आबिद मोहम्मद खान, मोहम्मद जावेद खान, आशा मिश्रा आदि ने डीआईजी को जानकारी दी।
उपवास रख किया शाहीन हादसे का विरोध
सत्याग्रह टीम की आशा मिश्रा ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग के सत्याग्रह को डिस्टर्ब करने के लिए आतंकी तरीकों को इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सरकार का हताशा का घोतक है। लेकिन सरकार को याद रखना चाहिए कि आंदोलन को जितना दबाने का प्रयास किया जाएगा, वह उतना ही फैलता जाएगा। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे महिलाओं के आंदोलन को कुचलने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शाहीन बाग और देशभर में जारी शांतिपूर्ण सत्याग्रह के दौरान की जा रहीं पुलिस और सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ सोमवार को इकबाल मैदान पर महिलाओं ने उपवास किया है। इस सत्याग्रह पर सहयोग करने वालों में विजय कुमार, अब्दुल्लाह, फैज खान, दानिश खान, सचिन, सीमा आदि भी पूरी शिद्दत से काले कानून का विरोध कर रहे हैं।