भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल में पशु चिकित्सकों की टीम ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि सुनने वाले दिल से उन्हे दुआ दे रहे है। दरअसल भोपाल में एक पालतू कुत्ते के बीमार होने का अनोखा मामला सामने आया है। इस पालतू डॉग के पेट में तिल्ली का आकार बढ़ गया और वह भी इतना की कुत्ते के बचने की उम्मीद न के बराबर हो गई, इस पालतू पेट ने खाना-पीना चलना-फिरना छोड़ दिया। डीजे नाम के इस डॉग का मालिक इसे कई पशु चिकित्सकों को दिखाने के बाद ऐसे वेटनरी डाक्टर्स के पास पहुंचा जिन्होंने रिस्क लेते हुए न सिर्फ डीजे को मौत को मुँह से निकाला बल्कि इस मामलें में भोपाल में इतिहास रच दिया। चार डॉक्टरों की टीम ने ढाई घंटे ऑपरेशन के बाद करीब पौने चार किलो की तिल्ली डीजे के पेट से निकाली। इस पूरे मामलें का एक सुखद पहलू एक और भी है कि डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए कोई फीस नहीं ली। आमतौर पर ऐसी सर्जरी में 25 से 30 हजार रुपए तक खर्च आता है।
पशु चिकित्सक डॉ एच एल साहू
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दरअसल भोपाल में रहने वाली गीतांजलि श्रीवास्तव प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उनके पास गोल्डन रिट्रीवर, लेब्रा क्रॉस ब्रीड का डॉग है। पिछले कुछ दिनों से उनका यह डॉग डीजे अचानक बीमार रहने लगा, गीतांजलि ने कई वेटनरी डाक्टर्स को डीजे को दिखाया लेकिन कोई फरक नहीं पड़ा, दिन ब दिन डीजे और ज्यादा बीमार रहने लगा उसने खाना पीना तक छोड़ दिया। डीजे की उम्र 6 साल है। वह कुछ भी खाने पर उल्टियां कर देता था। खाने-पीने की कमी के कारण खून की कमी हो गई थी। वह कमजोर हो गया था। करीब एक साल तक भोपाल के कई वेटरनरी डॉक्टर्स के पास उनका इलाज चला, लेकिन असर नहीं हुआ। थक हार कर गीतांजलि अपने किसी परिचित के बताने पर पशु चिकित्सालय से रिटायर जॉइन्ट डायरेक्टर पशु चिकित्सक डाक्टर एच एल साहू के पास पहुंची, यहाँ जांच रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि डॉग को प्रोटोजॉन डिसीज की प्रॉब्लम है। डॉग का सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट कराए गए। पता चला कि उसके पेट में तिल्ली (स्प्लीन) का साइज करीब आठ गुना बढ़ गया है।
डॉ. वीपी चनपुरिया, डॉ. सुधीर पटले, डॉ. मनोज अहिरवार
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अपनी तरह के इस अनोखे मामले में डाक्टर्स ने डीजे के आपरेशन का प्लान बनाया, इससे पहले भोपाल में ऐसी सर्जरी नहीं हुई थी। लेकिन जानकार चिकित्सकों की टीम ने यह कमाल कर दिखाया, जबलपुर वेटरनरी कॉलेज के रिटायर्ड सर्जन डॉ. वीपी चनपुरिया, डॉ. सुधीर पटले, डॉ. मनोज अहिरवार के साथ पेट से तिल्ली निकालने का फैसला किया। जिसके बाद करीब ढाई घंटे की सर्जरी की। इसके बाद करीब पौने चार किलो की तिल्ली निकाली। आमतौर पर तिल्ली का साइज 500 से 700 ग्राम होता है। यह पुरानी लाल रक्त कणिकाओं को नष्ट करने और नई रेड ब्लड सेल्स बनाने का काम करता है। डीजे के पेट में प्रोटोजॉन डिसीज और दवाओं के प्रभाव के कारण तिल्ली बढ़कर करीब 3 किलो 800 ग्राम हो गई थी। इस कारण कुत्ते के शरीर में खून की कमी हो गई थी। फिलहाल डॉग की हालत स्थिर है।
डीजे सर्जरी के बाद