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Wed, Dec 17, 2025

मंत्री की अनुमति के बिना करोड़ों की खरीदी, अनियमितताओं के आरोपों में सीएम ने IAS को हटाया

Written by:Atul Saxena
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मंत्री की अनुमति के बिना करोड़ों की खरीदी, अनियमितताओं के आरोपों में सीएम ने IAS को हटाया

IAS Umakant Umrao transferred : मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं, गुना बस हादसा मामले में उन्होंने सख्त तेवर दिखाते हुए मैसेज दिया कि लापरवाही, अनियमितता, भ्रष्टाचार जैसी अनैतिकता उन्हें स्वीकार नहीं है, उन्होंने शुक्रवार रात एक और बड़ा एक्शन लेते हुए सीनियर IAS उमाकांत उमराव का तबादला कर उन्हें राजस्व मंडल का सदस्य नियुक्त कर दिया, खाद्य एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव उमराव पर करोड़ों रुपये की खरीदी में शामिल होने के गंभीर आरोप है जिसकी शिकायत के बाद सीएम ने एक्शन लिया है।

पीएस सहकारिता उमाकांत उमराव को राजस्व मंडल भेजा 

मप्र शासन ने मुख्य सचिव वीरा राणा के हस्ताक्षर से शुक्रवार रात एक सिंगल आदेश जारी हुआ जिसमें 1996 बैच के सीनियर IAS अधिकारी प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण और प्रमुख सचिव सहकारिता (अतिरिक्त प्रभार) उमाकांत उमराव को उनके हटाकर उन्हें सदस्य राजस्व मंडल ग्वालियर भेज दिया, आदेश में कहा गया कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव स्मिता भारद्वाज को उनके वर्तमान दायित्व के साथ साथ अब प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण और प्रमुख सचिव सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा जाता है।

इस शिकायत के आधार पर सीएम ने लिया एक्शन! 

आपको बता दें कि IAS उमाकांत उमराव के खिलाफ एक आरटीआई एक्टिविस्ट  ने करोड़ों रुपये के खरीदी की शिकायत  मप्र के लोकायुक्त, मुख्यमंत्री, महानिदेशक राज्य आर्थिक अनुसन्धान ब्यूरो और मुख्य सचिव को  5 जनवरी 2023 को की थी जिसमें प्रदेश की 4500  पैक्स समितियों एवं जिला सहकारी बैंकों की करीब 900 शाखाओं में माइक्रो ATM (पास मशीन) रुपे कार्ड लगाने के लिए अवैध रूप से अधिक कीमत करीब 20 करोड़ रुपये में खरीदने और पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन के 138 करोड़ के कार्यों में भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप लगाये थे, आरटीआई एक्टिविस्ट ने इसमें अपैक्स बैंक के प्रबंध संचालक पीएस तिवारी की भूमिका पर सवाल उठाते ही पीएस सहकारिता उमाकांत उमराव पर भी सवाल उठाये थे, चार पेज के लम्बे चौड़े पत्र में आरटीआई एक्टिविस्ट ने बिन्दुवार घोटाला उजागर  करते हुए करीब 70 से 80 करोड़ के बंदरबांट का आरोप लगाया है और इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।