भोपाल| एक लाख रुपए की रिश्वतकांड (Bribe Case) में फंसे डिप्टी लेबर कमिश्नर (Deputy Commissioner of Labor) पर बड़ी कार्रवाई हुई है| डिप्टी लेबर कमिश्नर एसएस दीक्षित मध्य प्रदेश संनिर्माण कर्म कल्याण मंडल में (सचिव) पदस्थ हैं। श्रम विभाग ने दीक्षित को एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की जानकारी संज्ञान में आने और मंडल में वितिय अनियमितताओं की शिकायतों की जाँचों के कारण निलंबित कर दिया है| निलंबन अवधि में उनका श्रमायुक्त कार्यालय इंदौर मुख्यालय रहेगा| आईएएस छोटे सिंह जो श्रम विभाग में उपसचिव पदस्थ हैं, को मंडल के सचिव का अतिरिक्त प्रभार अस्थाई रूप से सौंपा गया है|
डिप्टी लेबर कमिश्नर के लिए एक लाख की रिश्वत लेने वाले मीडिएटर को लोकायुक्त पुलिस (Lokayukt Police) ने शुक्रवार की शाम डीबी सिटी के सामने गिरफ्तार किया था। डिप्टी लेबर कमिश्नर ने श्रमोदय विद्यालय, बेटमा (इंदौर) की मेस के 15 लाख के बिल भुगतान करने के लिए डेढ़ लाख मांगे थे। लोकायुक्त पुलिस ने डिप्टी लेबर कमिश्नर (सचिव) को भी आरोपी बनाया है।
दरअसल मुंबई में रहने वाले गौरव शर्मा ने भोपाल लोकायुक्त को डिप्टी कमिश्नर की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था क़ि उनकी फर्म के पास श्रमोदय विद्यालय, बेटमा इंदौर की मेस का ठेका है। जिसमें करीबन 800 बच्चों का हॉस्टल है। वहीँ मेस के लिए15 लाख के बिल का भुगतान किया जाना था। जिसको लेकर शर्मा ने डिप्टी कमिश्नर से बात की थी। गौरव का आरोप है कि डिप्टी कमिश्नर ने 15 लाख के बिल के भुगतान के लिए उनसे मीडिएटर के जरिए डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। वहीँ रिश्वत न देने पर पैसे रोक देने की धमकी भी दी थी। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने इस शिकायत पर मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की तैयारी की।
जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस के कहने पर फरियादी गौरव शर्मा ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर एक लाख रुपए देने के लिए विपुल शर्मा को क्राइम ब्रांच थाने के पास बुलाया। जब विपुल पैसे लेने पहुंचा तो पहले से घेराबंदी कर बैठी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। वहीँ लोकायुक्त ने मीडिएटर के साथ ही डिप्टी कमिश्नर दीक्षित को भी आरोपी बनाया है।