शिवराज कैबिनेट के बड़े फैसले- 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, इस योजना में बड़ा बदलाव

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान( CM Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के संशोधन को मंजूरी दी गई। योजना में सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम में शामिल पात्र प्रति कन्या के मान से 55 हजार रुपये स्वीकृत किये जायेंगे। इस राशि में से 6 हजार रुपये सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन करने हेतु आयोजनकर्ता निकाय को देय होगी एवं 49 हजार रूपये की सामग्री कन्या को उपहार के रूप में आयोजनकर्ता निकाय द्वारा दी जायेगी। कैबिनेट ने प्रदेश में 05 नए औदयोगिक क्षेत्रों को 714.56 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किये जाने का प्रशासकीय अनुमोदन दिया।

कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि श्रम विभाग के मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक हेतु विवाह सहायता योजना को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में समाहित किया जायेगा। कार्यक्रम के लिए अधिकृत संस्था सामूहिक विवाह का आयोजन शहरी क्षेत्र में नगर निगम/ नगर पालिका/ नगर परिषद तथा ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत ही आयोजनकर्ता होंगे। अन्य किसी संस्था द्वारा कराये जा रहे सामूहिक विवाह इस योजना का लाभ पाने हेतु पात्र नहीं होंगे।

जिला एवं निकाय स्तरीय मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह आयोजन समिति

सामूहिक कन्या विवाह/निकाह कार्यक्रम का सुचारू रूप से आयोजन सुनिश्चित किये जाने हेतु जिला एवं निकाय स्तरीय समितियों का गठन जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किया जायेगा। इन समितियों में वरिष्ठ शासकीय अधिकारी भी सदस्य होंगे। जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला कलेक्टर द्वारा जिले के प्रत्येक निकाय के लिए सामूहिक विवाह एवं निकाह हेतु 2-2 तिथियों का वित्तीय वर्षवार कैलेण्डर जारी होगा। इस कैलेण्डर का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जायेगा, जिससे इच्छुक जोड़ों द्वारा समय पर आवेदन किया जा सकें।

कन्या को 49 हजार रूपये  की राशि गृहस्थी की स्थापना हेतु आवश्यक उपहार सामग्री प्रदाय की जायेगी। जिला एवं निकाय स्तरीय मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह आयोजन समिति प्रदाय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित करेगी।आवेदन की प्रक्रिया पूर्वानुसार रहेगी, जिसके अनुसार वर-वधु को सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम के आयोजन की तिथि से कम से कम 15 दिवस पूर्व निर्धारित प्रपत्र में संयुक्त आवेदन करना होगा।

32 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश की संभावना

कैबिनेट ने प्रदेश में 05 नवीन औदयोगिक क्षेत्रों को 714.56 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किये जाने का प्रशासकीय अनुमोदन दिया। बैरसिया जिला भोपाल परियोजना लागत 25.88 करोड़, आष्टा (झिलेला) जिला सीहोर 99.43 करोड़, धार (तिलगारा) जिला धार 79.43 करोड़ मेगा औदयोगिक पार्क रतलाम फेस-1 जिला रतलाम 462 करोड़ और नरसिंहपुर जिला नरसिंहपुर 47.82 करोड़ की परियोजना शामिल है। इन 5 नवीन औदयोगिक क्षेत्रों के विकास से प्रदेश में लगभग 32 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश होना संभावित है। साथ ही 38 हजार 450 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

ग्रामीण बैंकों के लिए पुनर्पूजीकरण सहायता योजना

कैबिनेट ने भारत सरकार द्वारा प्रदेश में कार्यरत दोनों क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्पूंजीकरण सहायता योजना में कुल राशि 1414.83 करोड़ रूपये की अंशपूँजी सहायता स्वीकृत की, जिसमें राज्य शासन के हिस्से की राशि 212.23 करोड़ रूपये है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अंशपूँजी में राज्यांश हिस्से की राशि के निवेश के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है कि राज्य शासन द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अंशपूँजी में भारत सरकार की स्वीकृति अनुसार राज्य शासन के हिस्से की राशि 212.23 करोड़ रूपये का निवेश किया जाये।

प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कुल 1320 बैंक शाखाएँ कार्यरत हैं, जिनमें से 1172 शाखाएँ ग्रामीण एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्र में है। इन बैंकों द्वारा मुख्यतः ग्रामीण एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं के साथ वित्तीय समावेशन से प्रदेश के ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं। वर्तमान में इन बैंकों का प्रदेश में कुल व्यवसाय 40 हजार करोड़ रूपये से अधिक का है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पुनर्पूंजीकरण सहायता से इन बैंकों द्वारा अपने व्यवसाय में वृद्धि की जा सकेगी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पोषण किये जाने से रोजगार के नये अवसर निर्मित हो रहे हैं। इस पुनर्पूंजीकरण सहायता से इन बैंकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिये और अधिक वित्त पोषण किया जा सकेगा।

पशुपालन गतिविधियों को बढ़ाने शून्य प्रतिशत ब्याज दर

पशुपालन एवं डेयरी विभाग में प्रदेश में पशुपालन गतिविधियों हेतु किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से गाय, भैंस, बकरी, सूकर, मुर्गी पालन हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अधिकतम राशि 2 लाख रूपये की साख सीमा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। पशुपालन गतिविधियों हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करने की योजना के क्रियान्वयन से राज्य में पशुपालक आसानी से आदान खरीद सकेंगे तथा सूदखोरों और बिचौलियों से बचाव होकर पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।

विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना

कैबिनेट ने मोहासा बाबई के स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में मेडिकल डिवाईसेस पार्क की स्थापना हेतु निर्णय लिया। मेडिकल डिवाईसेस पार्क की स्थापना किये जाने हेतु औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई के स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी जिला उज्जैन में कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया। मेडिकल डिवाईसेस उत्पादन इकाइयों हेतु जो विशेष रियायतें मोहासा-बाबई में प्रदान की गई है, औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी में भी मेडिकल डिवाईसेस उत्पादन इकाइयों हेतु समान रियायतें प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया। विक्रम उदयोगपुरी लिमिटेड, उज्जैन में निवेशकों को दी जाने वाली छूट/सुविधा से पड़ने वाले वित्तीय भार की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जायेगी। मेडिकल डिवाईसेस पार्क में भूमि/भूखण्ड/भवन आवंटन ऑफ-लाईन प्रक्रिया से करने के लिये सक्षम समिति के गठन हेतु प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किया गया।

सिंचाई परियोजनाएँ

मंत्रि-परिषद ने मंदसौर जिले की कयामपुर दाबयुक्त सूक्ष्म उद्वहन वृहद सिंचाई परियोजना लागत राशि 2374 करोड़ रूपये, सिंचाई क्षमता एक लाख 12 हजार हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना के निर्माण से सीतामऊ एवं मंदसौर तहसील के 252 ग्रामों की एक लाख 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन से सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) सुविधा प्राप्त होगी।  इन फैसलों के अलावा भी कैबिनेट ने प्रदेश के हित में और भी कई फैसले लिए


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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