OLd Pension Scheme, MP OPS Update : केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एक तरफ जहां महंगाई भत्ते में वृद्धि का इंतजार है। वहीं दूसरी तरफ से देशभर में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए एक केंद्रीय कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन और रैली की तैयारी की जा रही है। इसी बीच कई कांग्रेस शासित राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है जबकि कई अन्य राज्य भी पुरानी पेंशन योजना की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी शासित राज्यों में भी आगामी चुनाव को देखते हुए पुरानी पेंशन की गूंज सुनाई देने लगी है।
दरअसल आगामी दिनों में कई राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा अपने आप में बड़ा खास हो जाता है। कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना के भरोसे हिमाचल में जीत दर्ज की है। इसी बीच कर्नाटक सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है जबकि मध्यप्रदेश में भी आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना की गूंज सुनाई दे रही है।
कर्नाटक के बाद अब एक अन्य बीजेपी शासित राज्य पुरानी पेंशन योजना की ओर बढ़ रहे मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश के सभी एनपीएस कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के विरुद्ध और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग करेगा परीक्षण
इसी बीच कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग को देखते हुए मंत्री से जब जानकारी मांगी गई तो सहकारिता मंत्री भदोरिया ने कहा कि अब तक 22 कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों से इस मामले में बातचीत की जा चुकी है, उनसे पुरानी पेंशन योजना से जुड़े जो विज्ञापन मिले हैं। उसके परीक्षण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया है।
हालांकि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर मंत्री भदोरिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जबकि नेशनल मूवमेंट फॉर OPS के प्रदेशाध्यक्ष परमानंद रेड एरिया द्वारा कहा गया है कि मंत्री भदोरिया से मुलाकात हुई है। सीएम के सामने अच्छे वकील के रूप में उन्होंने हमारी बात रखने की बात कही है। वहीं मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके एजेंडे को आगे ले जाया जाएगा।
गौरीशंकर बिसेन की पुरानी पेंशन योजना पर बड़ी मांग
वहीं इस मामले में भाजपा पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष और विधायक गौरीशंकर बिसेन ने पुरानी पेंशन योजना पर अपनी मांग स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की मांग को हर हाल में समर्थन मिलना चाहिए। पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाना चाहिए। सरकार से इस बारे में विचार करने का आग्रह किया गया है। वही गौरीशंकर बिसेन इस मामले में कर्मचारियों के साथ हैं।
MP वित्त मंत्री का बड़ा बयान
जबकि बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा साफ किया गया है कि मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लेकर वित्त विभाग के पास कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने भी इस संबंध में यही स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना पर कोई प्रस्ताव नहीं है।
16 अप्रैल को 80 लाख कर्मचारी OPS की मांग को लेकर करेंगे हड़ताल
वहीं कई राज्य में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना को देखते हुए अब केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा भी अपनी मांग को तेज कर दिया गया है। 16 अप्रैल को 80 लाख से अधिक कर्मचारी देशभर में पुरानी पेंशन योजना की मांग और समर्थन को लेकर हड़ताल करेंगे। 32 राज्य के 50 लाख और केंद्र के 30 लाख अफसर कर्मचारी देशभर में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए 16 अप्रैल को एक दिवसीय धरने का आयोजन कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इस आयोजन को लेकर विजय बंधु का कहना है कि मध्य प्रदेश में 22 कर्मचारी संगठन ने पुरानी पेंशन योजना को अपनी मांग पत्र में पहली जगह दी है।
इनका मिला समर्थन
वही मध्यप्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से कर्मचारियों ने मुलाकात की थी। इस दौरान फग्गन सिंह कुलस्ते ने केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के संबंध में चर्चा करने की बात कही थी। इसके अलावा नारायण त्रिपाठी, दिनेश राय मुनमुन भी पुरानी पेंशन योजना का समर्थन कर चुके हैं जबकि कांग्रेस की तरफ से घोषणा की गई है कि यदि उनकी सरकार आती है तो प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का प्रस्ताव लाया जाएगा
सरकार पर पेंशन राशि का बोझ बढ़ जाएगा
बता दे यदि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होती है तो 30 साल नौकरी पूरी होने पर सेवानिवृत्ति के वक्त 2035 में सरकार पर पेंशन राशि का बोझ बढ़ जाएगा। फिलहाल अंशदाई के तहत हर महीने सरकार पर पेंशन के लिए ₹344 करोड़ खर्च हो रहे।
अधिकारी कर्मचारियों को मिलेगी राहत
वही पुरानी पेंशन योजना लागू होने से अधिकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। अंशदाई पेंशन योजना में भी अधिकारी कर्मचारियों को 10% अंशदान देना होता है। इसकी बचत हो जाएगी। साथ ही उन्हें नियमित से पेंशन की गारंटी का भी लाभ दिया जाएगा। पुरानी पेंशन योजना के तहत अधिकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए कर्मचारी के वेतन से पैसे नहीं काटे जाते हैं। साथ ही सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता है। इतना ही नहीं पुरानी पेंशन योजना में 20 लाख तक की रकम Gratuity के तौर पर उन्हें उपलब्ध कराई जाती है जबकि कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता है।
महाराष्ट्र : सभी स्टेकहोल्डर्स और हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा
इधर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग पर सभी स्टेकहोल्डर्स और हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा करेगी। एकनाथ शिंदे सरकार के वित्त मंत्री महाराष्ट्र विधान परिषद में सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मैंने राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों की सभी यूनियन की चर्चा के लिए आगे आने का अनुरोध किया है। फडणवीस ने कहा एनपीएस और ऑफिस के बीच एक बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। वहीं विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर सरकार को घेरने से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि विपक्षी दल का कोई व्यक्ति संघ के नेताओं के साथ बैठक में शामिल हो। महाराष्ट्र में भी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं उनकी मांग है कि प्रदेश के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। हालांकि महाराष्ट्र बजट में पुरानी पेंशन योजना को लेकर किसी भी प्रकार की घोषणा नहीं की गई है।