Employees-Pensioners Pension : प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। दरअसल 2013 से 23 के बीच रिटायर होने वाले हजारों सरकारी कर्मचारियों की पेंशन शुरू नहीं होने से वह परेशान है। इसके अलावा उन्हें दिए गए अतिरिक्त वेतन की वसूली का मामला अभी भी अटका हुआ है। जिसके बाद अब कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर रहे हैं।
2013 से 2023 के बीच मध्य प्रदेश में रिटायर होने वाले 1500 से अधिक से अधिक सरकारी डॉक्टरों के लिए पेंशन शुरू नहीं हो पाई है। 2008 में उन्हें हायर पे स्केल के तहत वेतन का लाभ दिया गया था। हालांकि अब सरकार द्वारा उनसे अतिरिक्त वेतन की वसूली की जा रही है। अतिरिक्त वेतन वसूली 100 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
SC ने दिया था- कर्मचारियों के पेंशन निर्धारण का फैसला
हालांकि इस मुद्दे पर सरकारी डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 5 महीने पहले डॉक्टरों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा था कि बिना वसूली के ही कर्मचारियों के पेंशन निर्धारण का फैसला किया जाए। बावजूद इसके प्रदेश के सरकारी डॉक्टर के लिए पेंशन व्यवस्था शुरू नहीं हो पाने के कारण अब डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर रहे हैं।
यह है मामला
मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय डॉ को 26 अगस्त 2008 से चार स्तरीय वेतनमान का लाभ दिया गया था। 23 मई 2009 को इसके लिए सर्कुलर जारी किया गया था। हालांकि 30 मई 2012 को इस सर्कुलर को वापस ले लिया गया और शासन की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि वित्त विभाग की मंजूरी के बिना इसे जारी किया गया है। ऐसे में यह सर्कुलर पूरी तरह से गलत है। सरकार द्वारा वेतनमान का लाभ देना बंद कर दिया गया था।
हाई कोर्ट का फैसला
सरकारी डॉक्टरों से 2812 की अवधि के दौरान दिए गए अतिरिक्त वेतन की वसूली की भी तैयारी की गई थी। जिस पर रिटायरमेंट पर वसूली को लेकर सरकारी नौकरी द्वारा 2018 में हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी गई थी। सिंगल बेंच द्वारा डॉक्टर की दलील को सही माना गया और वसूली रोकने के आदेश दिए गए। हालांकि सरकार की अपील पर डबल बेंच ने वसूली के फैसले को सही ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
26 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डबल बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया और सिंगल बेंच के फैसले को सही करार दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बिना वसूली के ही सरकारी डॉक्टरों की पेंशन निर्धारित किया जाए। फिलहाल रिटायर होने वाले डॉक्टरों के पेंशन पर अब तक कोई बड़ी अपडेट सामने नहीं आई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है रमेश राजोरिया और 550 अदर्श के नाम से दायर इस याचिका पर अगले 1 सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा जा सकता है।