भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत की सरकार है, यह सरकार बहुमत खो चुकी है और इसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। कमलनाथ सरकार को यह बात भलीभांति पता है कि उसके पास बहुमत नहीं है, इसीलिये यह सरकार कोई भी बहाना बनाकर फ्लोर टेस्ट से भाग रही है और बचने की कोशिश कर रही है। यह बात बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद कही है।
सोमवार को विधानसभा 26 मार्च तक स्थगित होने के बाद बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा। इसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वी डी शर्मा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा और एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह शामिल थे। इनके साथ पार्टी के सभी विधायकों भी राजभवन पहुंचे थे। बीजेपी ने राज्यपाल के सामने अपने विधायकों की परेड भी कराई।
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है और ऐसे में सरकार चलाना संवैधानिक व नैतिक रूप से गलत है। वहीं प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है और हम मैदान में भी विरोध करेंगे विरोध। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में किसी भी कीमत पर राज्यपाल के आदेश की अवहेलना नहीं होने देगी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से बचने के लिये कमलनाथ सरकार ने जिस तरह की अवैधानिक हथकंडेबाजी की है, लोकतंत्र की हत्या का जो प्रयास किया गया है, इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी मैदान में खड़ी है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि राज्यपाल के पत्र के बावजूद सदन स्थगित करना गैरकानूनी है। उन्होने कहा की प्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्पमत में है लेकिन राज्यपाल के आदेश के बावजूद फ्लोर टेस्ट न कराना और विधानसभा को 26 तक स्थगित करना कानून के विरूद्ध है। नरोत्तम मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे अराजक और भ्रष्टतम सरकार है। जिस तरह से यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है, उससे इस सरकार की नीतियां उजागर होती हैं।