कमलनाथ के इस कदम पर बीजेपी का “कौवा चला हंस की चाल” और “आस्तीन में पले हैं सांप” जैसे शब्दो से हमला

Amit Sengar
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। संगठनात्मक स्तर पर कांग्रेस (congress) को मजबूत करने के कमलनाथ (kamalnath) के फरमान पर बीजेपी मुखर हो गई है। बीजेपी (BJP) के दो नेताओं ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे बीजेपी की नकल करना बताया है और कमलनाथ के इस फैसले को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।

गुरुवार को भोपाल के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की मैराथन बैठक ली। इस बैठक में कांग्रेस के सभी विधायक, जिलों के अध्यक्ष और प्रभारियों को न्योता दिया गया था। इस अवसर पर कमलनाथ ने आने वाले एक साल का पूरा रोडमैप कांग्रेस के सामने रखा और कहा कि अब सिर्फ और सिर्फ 2023 पर फोकस करते हुए सारी गतिविधियां केंद्रित होगी। कमलनाथ ने विश्वास जताया कि आने वाले विधानसभा सीटों में कांग्रेस 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतेगी। उन्होंने कांग्रेस के सभी प्रभारी और सह प्रभारियों से कहा कि वह कांग्रेस के सभी नेताओं से समन्वय बनाकर मंडलम, सेक्टर ,बूथ, कमेटियां व पन्ना प्रभारी बनाए और आने वाले 13 महीने अग्निपरीक्षा मानकर काम में जुट जाएं।

कमलनाथ के पन्ना प्रभारी तक स्तर पर कार्यकर्ता जोड़ने के कदम पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रवक्ता डॉ हितेश बाजपेई ने ट्वीट कर लिखा है कि “मुंह चलाने और संगठन बनाने में अंतर होता है नाथ साहब। भाजपा की नकल करने के लिए बड़ा जमीनी प्रयास भी चाहिए महाराज। कुछ दिन तो गुजारिये बूथ पर महाराज।” डॉ हितेश बाजपेई ने लिखा कि “आप की आस्तीन में 15 ऐसे विधायक हैं जो आपको राष्ट्रपति चुनाव में बत्ती दे चुके हैं। क्या इनकी दम पर बूथत और पन्ने पर उतरेंगे। भाजपा की 65000 बूथ पर की गई रचना खड़ी करने में पीढिया लग गई। आपकी कांग्रेस तो आप से शुरू होकर नकुल पर खत्म हो जाती है।” वही प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने ट्वीट किया है कि “कौवा चला हंस की चाल, चलकर भूला अपनी चाल। कमलनाथ जी नियुक्ति तो कर दोगे पर भाजपा कार्यकर्ताओं जैसा समर्पण कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कैसा ला पाओगे।”


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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