मामला कुर्सी का, मध्य प्रदेश में कुर्सी को लेकर सत्ता पक्ष ने कसा विपक्ष पर तंज, देखें ख़बर

आशीष अग्रवाल ने लिखा- ये होता है कुर्सी का खेल,  कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हटवाई नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की कुर्सी।

Atul Saxena
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Umang Singhar's chair

Bhopal News : सियासत में कुर्सी सबसे महत्वपूर्ण होती है, राजा महाराजा के समय सिंहासन के लिए युद्ध होते थे आज कुर्सी के लिए भी बहुत कुछ होता है, कुर्सी पाने के लिए नेता मंच पर धक्का मुक्की करते हैं तो बैठकों में आगे की सीट पर बैठने के लिए हुज्जत करते हैं, यहाँ भी हम आपको किस्सा कुर्सी का ही बताने जा रहे हैं जो कुछ अलग है, ये मामला मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की गैर मौजूदगी और उनकी कुर्सी से जुड़ा हुआ है।

भोपाल प्रदेश मुख्यालय में इस समय मध्य प्रदेश कांग्रेस की नवगठित कार्यकारिणी की बैठक चल रही है, प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित अन्य बड़े नेता बैठक में शामिल हैं लेकिन कुछ बड़े नेता जैसे कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, उमंग सिंघार की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है, मीडिया जब इसे लेकर सवाल कर रही है तो उसे कांग्रेस नेता या तो टाल रहे हैं या बचकर निकल रहे हैं।

उमंग सिंघार की कुर्सी से जुड़ा वीडियो आया बाहर 

इसी दौरान बैठक में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के साथ एक वाकया हुआ जिसका वीडियो बाहर आया और भाजपा को इसपर तंज कसने का मौका मिल गया, वीडियो में उमंग सिंघार का नाम लिखी कुर्सी लुढ़की हुई दिख रही है और उसे फिर एक नेता उठाकर दूसरी जगह ले जाता दिखाई दे रहा है।

आशीष अग्रवाल ने लिखा- ये होता है कुर्सी का खेल

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने इस घटनाक्रम को सोशल मीडिया X पर शेयर किया है, आशीष अग्रवाल ने लिखा- ये होता है कुर्सी का खेल,  कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हटवाई नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की कुर्सी…

जीतू पटवारी के पुराने बयान से जोड़ा किस्सा कुर्सी का 

भाजपा नेता ने लिखा-  सिंघार जी,  कुछ समझ में आया? प्रदेश में आप भले ही कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास करें, लेकिन आपके ही लोगो ने आपकी कुर्सी पहले खिसकाई, फिर बाहर पटकवा दी। पार्टी में आपका कितना सम्मान है, शायद ये तस्वीर देखकर आपको समझ में आ गया होगा। उमंग सिंघार जी इस बैठक में ना आकर चाहे कितनी भी नाराजगी जाहिर कर लें, लेकिन जीतू पटवारी  को उससे रत्तीभर फर्क नहीं पड़ता। जीतू जी के लिए जैसे पार्टी गई तेल लेने, वैसे ही उमंग सिंघार की कुर्सी भी गई तेल लेने।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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