भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार चल रही सियासी हलचल के बीच आज बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। इन्होने राज्यपाल को ज्ञापन दिया है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है और 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण बहुमत खो चुकी है और इस सरकार को चलाने का कोई संवैधानिक अधिकार मुख्यमंत्री को नहीं है इसीलिये तुरंत फ्लोर टेस्ट कर विश्वास मत साबित किया जाए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह शामिल थे और इन्होने फ्लोर टेस्ट की मांग की है।
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से 16 मार्च से पूर्व फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होने कहा है कि 16 मार्च से बजट सत्र आरंभ करने का तब तक कोई औचित्य नहीं है जब तक सरकार बहुमत साबित न कर दे। शिवराज ने कहा कि सरकार को पहले विश्वास मत प्राप्त करना चाहिए और बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पूर्व फ्लोर टेस्ट होना चाहिये। शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार विधायकों को प्रलोभन ले रही है, दबाव डाल रही है, रिश्तेदारों को बुलवा कर भी दबाव बनाया जा रहा है, संपत्ति तथा अन्य नए मामले दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होने सरकार पर हार्स ट्रेडिंग करने की आशंका जताते हुए राज्यपाल से अनुच्छेद 175(2) के प्रदत शक्तियों के उपयोग की मांग की है।
विशेष बात ये कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी और पूर्व महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने भी राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को 15 मार्च की शाम तक पहुंचने का नोटिस दिया है। 16 मार्च से बजट सत्र प्रारंभ होना है और बीजेपी चाहती है कि उससे पहले फ्लोर टेस्ट करवाया जाए।
आपको बता दें कि सीएम कमलनाथ खुद फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं लेकिन मामला यहां अटक गया है कि कांग्रेस कह रही है कि फ्लोर टेस्ट राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हो और बीजेपी मांग कर रही है कि राज्यपाल के अभिभाषण के पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाए। बीजेपी का कहना है कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की उपलब्धियो और योजनाओ को बताता है और यह कमलनाथ सरकार अब अल्पमत में है इसलिये बजट सत्र और राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सरकार बहुमत साबित करे।