भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को प्रश्नोत्तर के दौरान भाजपा विधायक ने अपने एक सवाल के मिले जवाब से नाराज सत्ता में बैठी अपनी सरकार को ही सवालों के घेरे में ला दिया, दरअसल सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि उनका सवाल ही बदल दिया गया, उन्होंने जो सवाल लगाया उसमें बदलाव कर दिया गया, उमाकांत शर्मा ने कहा कि क्या यह सवाल विधानसभा सचिवालय में अधिकारियों ने बदला या फिर कर्मचारियों ने बदला, इसका उन्हें जवाब चाहिए, इसके बाद उन्होंने कहा-कि जो जानकारी सरकार से मांगी जा रही है वह नही मिल रही है।
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सदन में सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि जो सवाल उन्होंने पूछा है उसमें जांच होनी है लेकिन यही जांच पूर्व मुख्यमंत्री नही होने दे रहे है और इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र भी लिखा है। उनके इस तरह के बयान से कांग्रेस के विधायक भी सरकार से सवाल पूछते नज़र आये कि सदन में सरकार बताये कि क्या प्रदेश में सरकार पूर्व सीएम चला रहे है।
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दरअसल विधायक उमाकांत शर्मा के अपनी विधानसभा में मनरेगा के तहत निर्माण कार्यो की शिकायत सामने आई थी जिसमें जनपद और जिला स्तर पर अधिकारियों पर सवाल उठे थे, विधायक उमाकांत शर्मा ने विभाग के मंत्री से यही सवाल पूछा था कि इस मामलें ने किन किन अधिकारियों की शिकायतें की गई थी और जांच में किन किन को दोषी पाया गया था और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई थी, विधायक उमाकांत शर्मा ने सदन में आरोप लगाया कि पूरे मामलें में जानबूझकर दो जनपदों के अफसरों को बचाया जा रहा है, हालांकि सदन में अपने ही विधायक की नाराजगी को गृहमंत्री ने एसआईटी की जांच की बात कहकर शांत करवाया, लेकिन विधायक उमाकांत शर्मा के सवाल बदले जाने और जवाब न मिलने के इस प्रश्न का समर्थन कांग्रेस भी सदन में करती नज़र आई।