BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जीतू पटवारी पर किया पलटवार, कहा- केजरीवाल मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर बोलते तो ठीक था

वीडी शर्मा ने कहा कि ये भारत की राजनीति के इतिहास में पहली बार है जब कोर्ट ने किसी मुख्यमंत्री पर इतनी पाबंदियां लगाई हैं, कोर्ट ने ये भी कहा है कि जब कोर्ट बुलाये तो हाजिर भी होना है इससे साबित होता है कि जो आरोप केजरीवाल पर लगे हैं उसमें न्यायालय ने सत्यता देखी है ।

Atul Saxena
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VD Sharma

BJP MP president VD Sharma hit back Jitu Patwari :  दिल्ली शराब नीति घोटाले के आरोपों में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी, 156 दिन बाद जेल से रिहाई का आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल सहित मनीष सिसोदिया से लेकर आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मिठाई बाँट रहे हैं, वहीं इंडी एलायंस के नेता केजरीवाल की जमानत पर खुशियाँ जाता रहे है और मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

केजरीवाल की जमानत पर बोले जीतू पटवारी- न्याय अभी जिन्दा है 

इसी क्रम में मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल जी को जमानत मिली तो समझिये न्याय अभी जिन्दा है, जीतू पटवारी के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया है और नसीहत दी है कि कांग्रेस और उसके नेता झूठ फैलाना और नकारात्मक राजनीति करना बंद करें।

वीडी का पलटवार, राजनीति के इतिहास में पहली बार जब किसी मुख्यमंत्री पर इतनी पाबंदी लगी 

वीडी शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जीती पटवारी और उनकी पार्टी सिर्फ झूठ बोलती है और झूठ फैलाती है, उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी जी पहले आप कोर्ट का आदेश पढ़े लें फिर बोले तो ठीक है, कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ना तो ऑफिस जाने की अनुमति दी है न फ़ाइल साइन करने की अनुमति दी है, उन पर कई पाबंदियां लगाई है। ये भारत की राजनीति के इतिहास में पहली बार है जब कोर्ट ने किसी मुख्यमंत्री पर इतनी पाबंदियां लगाई हैं, कोर्ट ने ये भी कहा है कि जब कोर्ट बुलाये तो हाजिर भी होना है इससे साबित होता है कि जो आरोप केजरीवाल पर लगे हैं उसमें न्यायालय ने सत्यता देखी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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