विधानसभा में मिली करारी हार के बाद लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है। खास करके उन सीटो पर जीत हासिल करना ढे़ड़ी खीर साबित हो रहा है, जिन पर सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है। इनमें दो सीटे इंदौर और भोपाल सबसे खास है।कांग्रेस ने भोपाल से दिग्विजय को मैदान में उतारा है और इंदौर को होल्ड किया है, वही बीजेपी ने अभी तक अपने पत्ते नही खोले है। लेकिन जीत के लिए नया प्लान तैयार कर लिया है। प्लान के तहत बीजेपी चुनाव प्रचार-प्रसार में स्वच्छता को बड़ा मुद्दा बनायेगी, क्योंकि स्वच्छता के मामले में इंदौर और भोपाल टॉप शहरों में शामिल रहे और दोनों ही जगह बीजेपी के मेयर है।हालांकि ये प्लान किसी कारगार साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
दरअसल, विधानसभा जीत से आश्नस्त नजर आ रही कांग्रेस का फोकस इस बार बीजेपी की कब्जे वाली सीटों पर है। कांग्रेस इस बार हर हाल में इन किलो में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है, इसके के चलते सालों बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।वही इंदौर को होल्ड पर रखा है,ताकी जिताऊ उम्मीदवार पर दांव खेला जा सके। वही दूसरी तरफ दिग्विजय के मैदान में उतरने से बीजेपी में भूचाल मच गया है, अभी तक प्रत्याशियों के नाम फायनल नही हो पाए है। हालांकि भोपाल से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और इंदौर से महापौर मालिनी गौड़ के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज है।
दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के पहले बीजेपी ने जीत के लिए एक बड़ा प्लान बनाया है, जिसके तहत पार्टी स्वच्छता को मुद्दा बनाकर प्रचार करेगी।चुंकी हाल ही में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की कैटेगरी में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के शहरों ने खिताब जीते हैं।जिसमें इंदौर को सबसे साफ़ शहर और भोपाल को सबसे साफ़ राजधानी के लिए नवाजा गया। देश के अलग अलग राज्यों के 4,237 शहरों में सर्वे किया गया था, जिसमें भोपाल, इंदौर ने पहला स्थान पाया । इस सर्वे में इंदौर लगातार तीसरी बार सबसे स्वच्छ शहर बना है।
खास बात ये है कि दोनों ही जगह बीजेपी के महापौर है।इस मुद्दे को जनता के बीच भुनाकर भाजपा वोट बटोरने की फिराक में है। दोनों संसदीय क्षेत्र में अपने प्लान के तहत बीजेपी स्वच्छता को लेकर किए गए कामों को जनता के बीच रखेगी। प्रचार-प्रसार के दौरान बीजेपी स्वच्छता के मामले में टॉप शहरों में शुमार भोपाल और इंदौर की उपलब्धि को जनता के बीच गिनाकर वोट मांगेगी।हालांकि यह प्लान कितना सफल होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएग।