बागी और असंतुष्ट बिगाड़ेंगे भाजपा का गणित, डैमेज कंट्रोल में आ रहा पसीना

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भोपाल। विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा को लोकसभा चुनाव में भी बागी और असंतुष्ट नेताओं की वजह से नुकसान झेलना पड़ सकता है। दरअसल एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी और दावेदारों का जमकर विरोध हो रहा है। 15 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय होने के बाद जिस तरह से भाजपा में विरोध के स्वर उपजे, उसके बाद भाजपा शेष सीटों के लिए डैमेज कंट्रोल में जुट गई। इसके लिए पार्टी ने दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन इसके बावजूद भी बागी और असंतुष्ट की नाराजगी कम नहीं हो रही है। 

भाजपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं, उनमें से मुरैना, भिंड, मंदसौर, शहडोल, सीधी, सतना, टीकमगढ़ में प्रत्याशियों के खिलाफ भाजपा नेता खुलकर विरोध में उतर आए हैं। कई नेता बगावत के सुर में दिखाई दे रहे हैंं। असंतुष्टों को मनाने के लिए भाजपा ने दिग्गज नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन असंतुष्ट नेता इनकी भी नहीं सुन रहे हैं। ज्यादातर सीटों पर ऐसे नेता नाराजगी जता रहे हैं, जो खुद टिकट के दावेदार थे और वे चुनाव प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। भिंड सीट से भाजपा ने संध्या राय को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि यहां से मुरैना महापौर अशोक अर्गल दावेदारी कर रहे थे। अर्गल पर बगावत पर उतर आए हैं। यदि वे चुनाव लड़ते हैं तो भिंड में भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसी तरह मुरैना में नरेन्द्र सिंह तोमर का विरोध हो रहा है। भाजपा ने अनूप मिश्रा का टिकट काटा है। मिश्रा को ग्वालियर से टिकट मिलने की उम्मीद है, यदि टिकट नहीं मिलता है तो मिश्रा खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया है कि मुरैना से टिकट कटने के बाद कांग्रेसियों ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे। अनूप मिश्रा और अशोक अर्गल ग्वालियर-चंबल में भाजपा का गणित बिगाड़ सकते हैं। इसी तरह टीकमगढ़ में वीरेन्द्र खटीक का भाजपा नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। विरेाध करने वालों में पूर्व मंत्री ललिता यादव, विधायक हरिशंकर खटीक, पूर्व विधायक आरडी प्रजापति, पुष्पेंन्द्र पाठक समेत अन्य नेता शामिल हैं। प्रजापति पर लगाम कसने के लिए भाजपा ने उनके विधायक बेटे पर दबाव डाला है। 

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इन सीटों पर भी विरोध 

शहडोल में भाजपा ने कांग्रेस नेत्री हिमाद्री सिंह को मैदान में उतारा है, इस फैसले से मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह खुलकर पार्टी के फैसले में उतर आए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। मंदसौर में भाजपा नेता वंशीलाल गुर्जर नाराज हैं। वे खुद टिकट की दौड़ में शामिल थे। लेकिन पार्टी ने सुधीर गुप्ता को फिर से प्रत्याशी बनाया है। सीधी में सांसद रिति पाठक को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद इस्तीफों का दौर शुरू हुआ था। प्रदेश नेतृत्व के दखल के बाद असंतुष्टों को मनाने का क्रम जारी है। पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशियों को बागी और असंतुष्टों की वजह से हार का खतरा है। 

बागियों ने विधानसभा में भी बिगाड़ा था खेल

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 4 महीने पहले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के दौरान भाजपा में 70 सीटों पर प्रत्याशियों के खिलाफ असंतुष्टों ने खुलकर विरोध जताया था। भाजपा प्रदेश नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बावजूद भी एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर बागी प्रत्याशी खड़े हुए और कई सीटों पर भितरघात की गई। जिसका परिणाम यह रहा कि भाजपा के दिग्गज नेताओं की जीत का अंतर सैकड़ों और हजारों तक सिमट गया और भाजपा 7 सीटों के अंतर से सत्ता से बाहर हो गई। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ जमकर विरोध हेा रहा है। 


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