Mon, Dec 29, 2025

BJP का टोल फ्री नंबर बना मजाक, गर्लफ्रेंड, नौकरी तो कोई लोन के लिए कर रहा वायरल

Written by:Mp Breaking News
Published:
BJP का टोल फ्री नंबर बना मजाक, गर्लफ्रेंड, नौकरी तो कोई लोन के लिए कर रहा वायरल

भोपाल।

नागरिकता संशोधन कानून पर समर्थन हासिल करने के लिए भाजपा ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है, जिसका अब सोशल मीडिया पर जमकर मजाकर उड़ रहा है।सोशल मीडिया पर इस नंबर का इस्तेमाल अब गर्लफ्रेंड, नौकरी और लोन के लिए प्रचार के लिए किया जा रहा है।इस नंबर को फेसबुक, वॉट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है कांग्रेस ने इसे BJP आईटी सेल का डर्टी पॉलिटिक्स बताया है, तो दूसरी ओर BJP को इसमें कांग्रेस की ही साजिश दिख रही है।। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या CAA को लेकर समर्थन को लेकर जारी टोल फ्री नंबर सोशल मीडिया पर मजाक बनकर रह गया है.. या फिर इसके पीछे कोई साजिश है।

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने 8866288662 नंबर जारी कर लोगों से अपील की कि यह नंबर टोल फ्री नंबर है और जो भी लोग नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के समर्थन में है वह इस नंबर पर मिस्ड कॉल देकर अपना समर्थन दर्ज करवाएं। लेकिन सोशल मीडिया पर इसका अलग ही ढंग से प्रयोग हो रहा है।कुछ लोगों ने इस नंबर को किसी महिला के साथ जोड़कर पेश किया, तो कुछ ने नेटफ्लिक्स वेब चैनल से जोड़कर, कुछ लोगों ने इस नंबर को किसी सेलिब्रिटी का नंबर करार दिया, तो कुछ ने किसी काम को करवाने के लिए इस नंबर का इस्तेमाल करने को कहा। 

वही कुछ लोगों ने तो मुझसे दोस्ती करना है तो कॉल कीजिए 88662-88662 पर… 25 हजार की नौकरी चाहिए या लाखों का लोन तो कॉल कीजिए 88662-88662 ..की तरह इस नंबर को प्रचारित करना शुरु कर दिया है।इतना ही नही गर्लफ्रेण्ड, नौकरी और लोन तो छोड़िए फ्री में पिज्जा लेना है या फिर नेटफ्लिक्स का फ्री सब्सक्रिप्शन तो भी 88662-88662 पर कॉल के लिए प्रचार हो रहा है।  आलम यह हुआ कि, नेटफ्लिक्स को तो खुद अपने ऑफीशियल पेज से ऐसी एक पोस्ट का खण्डन करना पड़ा। इस तरह के कई ट्वीट हो जाने के बाद बीजेपी हरकत में आई और उसके कई नेताओं ने सामने आकर यह साफ किया कि यह नंबर किसी और मकसद से नहीं सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून पर देश का समर्थन हासिल करने के लिए जारी किया गया है। कांग्रेस तो इसे बीजेपी आईटी सेल की डर्टी पॉलिटिक्स बता रही है, ताकि CAA के पक्ष में करोड़ों मिस कॉल का आंकड़ा दिखाया जा सके।