AIIMS BHOPAL के शोधार्थियों का एपीपीआईकॉन 2024 राष्ट्रीय सम्मेलन में शानदार प्रदर्शन

एम्स भोपाल के पीएचडी छात्रों ने चेन्नई में आयोजित एपीपीआईकॉन 2024 (एसोसिएशन ऑफ फिजियोलॉजिस्टस "एंड फार्माकोलॉजिस्टस ऑफ इंडिया सम्मेलन) में अपने शोध प्रस्तुत किए।

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BHOPAL AIIMS BHOPAL : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान ने एक बार फिर चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार के  क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता को साबित किया है।

एपीपीआईकॉन 2024 में भोपाल एम्स के छात्रों का शानदार प्रदर्शन 

एम्स भोपाल के पीएचडी छात्रों ने चेन्नई में आयोजित एपीपीआईकॉन 2024 (एसोसिएशन ऑफ फिजियोलॉजिस्टस “एंड फार्माकोलॉजिस्टस ऑफ इंडिया सम्मेलन) में अपने शोध प्रस्तुत किए। सम्मेलन में प्रस्तुत शोधों में प्रमुख रहा डॉ राहुल गौर का अध्ययन, जिसमें रिपिटिटिव ट्रांसक्रेनियल मैगेटिक स्टिमुलेशन के जरिए क्रॉनिक लो बैक पेन के प्रबंधन के लिए एक नवीन, गैर-आक्रामक चिकित्सा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया।

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AIIMS BHOPAL के शोधार्थियों का एपीपीआईकॉन 2024 राष्ट्रीय सम्मेलन में शानदार प्रदर्शन

कई शोध जो मानव जीवन के लिए बेहद जरूरी 

डॉ. संतोष वाकोडे, डॉं वरुण मल्होत्र, और डॉ, सोफिया मद्द के मार्गदर्शन में किए गए इस केस स्टडी ने पीड़ा में उल्लेखनीय कमी, हृदय गति परिवर्तनशीलता में सुधार, और रोगियों में बेहतर संज्ञानात्मक प्रदर्शन (P300 लेटेंसी ‘कमी) प्रदर्शित किया। यह शोध एम्स भोपाल में स्थापित उन्नत आरटीएमएस लैब और संस्थान के अत्याधुनिक चिकित्सा अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। एक अन्य प्रस्तुति तनुशा पाठक द्वारा दी गई, जिसमें पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) फेनोटाइप्स में नींद, चिंता और जीवन ‘की
गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया।

फेनोटाइप-विशिष्टप्रंधन की आवश्यकता और पीसीओएस उपचार

डॉ. सोफिया मुद्दा और डॉ. संतोष वाकोडे के मार्गदर्शन में किए गए इस अध्ययन ने विभिन्र पीसीओएस फेनोटाइप्स के बीच मनोवैज्ञानिक और जीवन गुणवत्ता महतवपूर्ण अंतर उजागर किए। गंभीर फेनोटाइप (ए और बी) में कमजोर परिणाम पाए गए. जबकि फेनोटाइप डीमें सबसे बेहतर परिणाम देखे गए। यह शोध फेनोटाइप-विशिष्टप्रंधन की आवश्यकता और पीसीओएस उपचार में मानसिक स्वास्य देखभाल के समावेश को रेखांकित करता है।

एपीपीआईकॉन 2024 शोधकर्ताओं के लिए शानदार मंच

इस सम्मलेन के महत्व पर डायरेक्टर अजय सिंह ने कहा-“यह एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है। हमारे छात्र और शिक्षक लगातार ज्ञान और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं और स्वास्थ्य देखभाल की सबसे जटिल चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। एपीपीआईकॉन 2024 हमारे शोधकर्ताओं के लिए एक ऐसा मंच साबित हुआ, जिसने न केवल विज्ञान को आगे बढ़ाने बल्कि रोगी देखभाल मेंप्रभावशाली योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।”


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Sushma Bhardwaj

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