मंधाता विधानसभा सीट से फूंका उपचुनाव का बिगुल, कमल पटेल ने कही ये बात

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने खंडवा जिले की मंधाता विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए शंखनाद किया। यह सीट नारायण पटेल के कांग्रेस से इस्तीफा देने से रिक्त हुई है। जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री कमल पटेल के तेवर कांग्रेस और कमलनाथ पर हमलावर रहे, उन्होंने सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हीं के कारण प्रदेश अराजकता से मुक्त हो सका।

खंडवा जिले के मंधाता विधानसभा क्षेत्र के किल्लोद ब्लॉक में जनसभा को संबोधित करते हुए कमल पटेल कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताते हुए उपचुनाव में जनता से भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की। सभा में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक नारायण पटेल मौजूद थे। कमल पटेल ने कहा कांग्रेस ने भ्रष्टाचार, गरीबी और अव्यवस्था को बढ़ावा दिया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 50 साल देश पर राज किया लेकिन गांवों का विकास नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने कहा था भारत गांव में रहता है, कांग्रेस ने उनके नाम पर वोट तो लिए लेकिन विकास नहीं होने दिया। कमल पटेल ने कहा कि देश जब आजाद हुआ तब 20 प्रतिशत जनता शहरों में रहती थी और 80 प्रतिशत आबादी गांव में थी। कांग्रेस ने गांव का विकास नहीं किया तो 10 प्रतिशत जनता और शहरों में आ गई 70 प्रतिशत गांव में ही रहे, लेकिन बजट में शहरों के विकास होते रहे गांवों के नहीं। इसलिए जरा सी बारिश होती गांव में बैलगाड़ी, लोग और जानवर कीचड़ में फंस जाते थे। 1998 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री सड़क योजना और इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री सड़क और खेत सड़क योजना शुरू की जिससे आज गांव गांव में संपर्क हो पा रहा है। बिजली के मामले में भी कॉन्ग्रेस के समय केवल 2990 मेगावाट की क्षमता थी, जो अब बढ़कर 18000 मेगावाट हो चुकी है, गांवों में अब पूरे समय बिजली मिल रही है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।