भोपाल| मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जारी दल बदल के मौसम ने पांच महीने बाद एक बार फिर सियासी हड़कंप मचा दिया है| मार्च महीने में एक साथ कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई| लेकिन विधायकों का टूटने का सिलसिला अब भी जारी है| गुरूवार को खंडवा के मांधाता से विधायक नारायण पटेल (Narayan Patel) ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वे भाजपा में शामिल होंगे| इसी के साथ अब 27 विधानसभा सीटें रिक्त हो गई हैं|
उपचुनाव को लेकर तैयारियां तो शुरू हो गई हैं, लेकिन अब तक यह तय नहीं है, कि उपचुनाव कितनी सीटों पर होगा| पहले दो विधायकों के निधन के बाद दो सीटें रिक्त हुई| फिर 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद रिक्त सीटों की संख्या 24 हो गई| लेकिन अब 15 दिनों के अंदर कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका लगा है। नारायण पटेल के इस्तीफे के साथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 89 रह गई है। इससे पहले छतरपुर जिले की बड़ामलहरा सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर विधायक सुमित्रा कासडेकर पार्टी छोड़ चुकी हैं।
अब 27 सीटों पर उपचुनाव
अब प्रदेश में 27 सीटें खाली हो गईं हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थीं जिसके कारण कमल नाथ सरकार बनी थी। इसके बाद 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए, फिर बड़ा मलहरा के कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी ने इस्तीफा दिया और फिर सुमित्रा कास्डेकर ने त्याग पत्र देकर कांग्रेस को एक और झटका दिया । अब मांधाता से विधायक नारायण पटेल के इस्तीफे से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है| इस तरह कांग्रेस पार्टी के खाते में अब 89 विधायक बचे हैं। विधानसभा में भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं। मुरैना जिले की जौरा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा और आगर-मालवा से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन बाद यह दोनों सीटें रिक्त हैं|