भोपाल।
केरल, पंजाब औऱ राजस्थान विधानसभा के बाद ब मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भी सीएए के खिलाफ संकल्प पारित कर दिया है। जिसमें लिखा गया है कि संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे जल्द निरस्त किया जाए। एमपी में इस संकल्प के पारित होने पर सियासत गर्मा गई है। बीजेपी हमलावर हो चली है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो कमलनाथ सरकार को चेतावनी दे डाली है कि दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती।
शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि कमलनाथ जी, आपने मुख्यमंत्री बनने के लिए संविधान में सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, यह शपथ ली है और आप #CAA का विरोध कर रहे हैं। इस कानून को संसद ने बनाया है और आप इसे वापस लेने की बात कह रहे हैं। #CAA तो लागू होकर रहेगा, इसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।वही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रस्ताव बिल्कुल हास्यास्पद है। इससे कोई फर्क नही ।CAA लागू करना देश की सरकार का काम है ,ये ऐसा काम जिसका अर्थ नही ।अगर राज्य ऐसा करे तो केंद्र का सारा फैसला राज्य ही करने लगे ।
गौरतलब है कि बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कमलनाथ सरकार द्वारा संकल्प पारित किया गया ।संकल्प में मप्र शासन ने भारत सरकार से इस कानून को वापस लेने का आग्रह किया है। इससे पहले कमलनाथ सरकार इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी है।कमलनाथ सरकार के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा समानता के अधिकार और धर्मनिपेक्षता के साथ छेड़छाड़ की गई है, सभी को समानता का अधिकार है। बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई। कैबिनेट में इस कानून का विरोध करते हुए संकल्प पारित किया गया है।