भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| परिवहन चेकपोस्ट से भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग को लेकर अब आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्व मंत्री, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, मुख्य सचिव को पत्र लिखा है| पत्र में सेंधवा की बालसमुंद चेक पोस्ट पर ट्रक वालो से अवैध वसूली की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है|
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के द्वारा पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में सभी चेकपोस्टों में प्रवेश शुल्क के नाम पर होने वाली तीन हजार रुपए की उगाही की जाती है, जिसके बारे में देश भर के असोसिएशन के सदस्य नियमित रूप से यह मामला उठा रहे हैं| वहीं बालसमुद सेंधवा चेकपोस्ट पर स्थिति अत्यधिक गंभीर है| जहां गाढ़ी से सम्बंधित उचित और कानून के अनुसार दस्तावेज रखने वाले गरीब और कमजोर ट्रक वालों को नहीं बख्शा जाता है, उनसे पैसा वसूला जाता है| यहां तक कि उस सीमा को पार करने वाले खाली वाहनों को भी प्रवेश शुल्क देना पड़ता है| नहीं तो गाड़ियों को बारह घंटे खंडा रहना पड़ता है क्यूंकि कागजात अधिकारी अपने कब्जे में रख लेते हैं| ट्रक और ट्रांसपोर्टर्स उत्पीड़न और जबरन वसूली से काफी ट्रस्ट हैं|
इस मामले में लगातार जिस अधिकारी पर आरोप लग रहे हैं, पत्र में उसका भी उल्लेख किया गया है| पत्र में कहा गया है कि अवैध चेकपोस्ट प्रभारी डीपी पटेल और राहुल कुशवाहा खुलेआम भ्रष्ट गुंडों, उपद्रवियों के साथ बालसमुद सेंधवा चेकपोस्ट सीमा पर जबरदस्ती वसूली कर रहे हैं| इस मामले को उजागर करने के बावजूद ड्राइवरों को डराया जा रहा है एंट्री के नाम पैसे लुटे जा रहे हैं|
बता दें कि इससे पहले इंदौर के ऑपरेटर एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सी एल मुकाती ने भाजपा नेता विनय सहस्त्रबुद्धे को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने प्रदेश के परिवहन निरीक्षक के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की। पत्र में उन्होंने कहा था कि परिवहन निरीक्षक के द्वारा विनय सहस्त्रबुद्धे के नाम का इस्तेमाल कर अवैध वसूली की जा रही है| हालाँकि सहस्त्रबुद्धे ने इससे इंकार किया है| उनकी तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस नाम के किसी व्यक्ति से उनका कोई संबंध नहीं है और उनके नाम का दुरूपयोग करने की कोशिश की जा रही है। कुछ समय पूर्व ही मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री को एसोसिएशन द्वारा पत्र लिखकर परिवहन चेकपोस्टों पर हो रही अवैध वसूली को लेकर शिकायत की थी, जिसे सीएम शिवराज ने संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद भी सीएम के निर्देशों का भी अधिकारियों पर कोई असर नहीं देखने को मिला और लगातार अवैध वसूली जारी रही।