Bhopal-Drunken Catwalk : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शराबी कैटवॉक करेंगे और यह कैटवॉक उन्हे पुलिस करवाएगी, दरअसल भोपाल में शराब पीकर वाहन चलाने वाले शराबियों को सड़क पर पुलिस की अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। पुलिस ने फैसला किया है कि शराब पीने के बाद हादसों को रोकने के लिए कैटवॉक करवाई जाएगी, जिसमें शराब के नशे में धुत लोगों को सड़क पर खींची गई सफेद रंग की दस फिट लंबी लकीर पर कैटवॉक करना होगा। इससे यह पता चलेगा कि पुलिस ने जिसे शराब के नशे की हालत में वाहन चलाते पकड़ा है। वह किस हद तक शराब के नशे में चूर है। हालांकि पुलिस इस नये प्रयोग को अब आए दिन पुलिस और शराबियों के बीच ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई के दौरान होने वाले विवादों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने नया तरीका निकाला और शहर पुलिस को इस संबंध में निर्देश जारी किए है।
कैटवॉक के दौरान अगर कदम बहके मतलब नशे में है
पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने राजधानी भोपाल शहर के थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अब से चैकिंग पाइंट पर ही पुलिस शराबियों का फिजिकल टेस्ट लेगी। इस निर्देश के तहत चेकिंग पाइंट पर सड़क किनारे सफेद रंग की दस फिट लंबी लकीर खींचना होगी। इसके बाद शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़े गए व्यक्ति को उस लकीर पर बिना कदम बहके चलकर दिखाना होगा।
पुलिस जांच के दौरान जरूरत पडऩे पर होगा मेडिकल
पुलिस की खींची गई लकीर पर शराबियों को दस कदम आगे और दस कदम वापस चलकर दिखाना होगा। इस दौरान अगर कदम बहके तो मतलब शराब पी है, कदम नहीं बहके तो पुलिस की क्लीन चिट, शक होने पर मौके पर ही श्वास का ब्रीथ एनालाइजर से परीक्षण किया जाएगा। अगर फिर भी पुलिस अधिकारी संतुुष्ट नहीं हुआ तो डॉक्टर से मेडिकल कराया जाएगा।
शहर में भी जगह जगह खींची गई लकीरें
पुलिस कमिश्नर के निर्देश के बाद भोपाल शहर भर के चौराहों, तिराहों और मुख्य मार्गों पर लगने वाले चेकिंग पाइंट पर दस-दस फिट की लंबी लकीरें खींची गई हैं। जिसके बाद शराब पीकर वाहन चलाने की पुष्टि होने पर उस व्यक्ति के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत कार्रवाई की जाएगी। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्ति के शरीर में प्रति 100 मिलीग्राम रक्त में अल्कोहल का स्तर 30 मिलीग्राम तक होना चाहिए।
भारत में शरीर में 30 मिलीग्राम अल्कोहल की छूट
भारत में शरीर में अल्कोहल का स्तर 30 मिलीग्राम भी इसलिए सही माना गया है, क्योंकि इतनी मात्रा कुछ दवाओं के कारण भी शरीर में आ सकती है। यदि किसी व्यक्ति ने इस मात्रा में शराब भी पी है तो वह साधारण आचरण करेगा। ठंडे देशों में 80 मिलीग्राम को भी वैध माना गया है।