निलंबित अधिकारी की मौत के कारणों की होगी जांच, परिजनों के है गंभीर आरोप

भोपाल| राज्य शासन ने छिंदवाड़ा में पदस्थ सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख प्रवीण मरावी की मृत्यु की प्रशासनिक जाँच के आदेश जारी किये हैं। आयुक्त, जबलपुर संभाग को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि आयुक्त, जबलपुर संभाग 15 दिन में राज्य शासन को अपना जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। छिंदवाड़ा में पदस्थ सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख प्रवीण मरावी की मृत्यु दिनांक 19-20 दिसम्बर की दरम्यानी रात में हुई। जाँच अधिकारी मृत्यु की परिस्थितियों की जाँच करेंगे।

गौरतलब है कि छिंदवाड़ा के सहायक भू अभिलेख अधिकारी प्रवीण मरावी ने 19-20 दिसंबर की दरमियानी रात जहरीला पदार्थ सेवन करके आत्महत्या कर ली थी। बता दें कि मृत अधिकारी की बहन ने कलेक्टर छिंदवाड़ा पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बताया गया कि सहायक भू अभिलेख अधिकारी पद पर पदस्थ प्रवीण मरावी को बीते माह मनमानी के आरोप में निलंबित किया गया था। परिवार वालों का आरोप है कि कलेक्टर की प्रताड़ना से प्रवीण ने जान दे दी। छिंदवाड़ा के अस्पताल में स्वजनों ने हंगामा भी मचाया था। पोस्ट मार्टम के बाद शव को डिंडौरी भेजा गया।  निलम्बन के चलते ऐसा किया है या फिर कोई और कारण रहा। परिवार के सदस्यों के आरोप सही है या गलत। अधिकारी, कर्मचारी वर्ग के बीच कई तरह की चर्चाएं चल रही है।    मृतक अधिकारी की बहन वर्षा परते और चचेरे भाई संदीप मरावी ने बताया कि साल 2015-2016 में प्रवीण की पहली पोस्टिंग सहायक बंदोबस्त अधिकारी के रूप में परासिया हुई थी, जिसके कुछ समय बाद उनका स्थानांतरण बटकाखापा किया गया। जनवरी 2019 में छिंदवाड़ा में सहायक बंदोबस्त अधिकारी और तहसीलदार का प्रभार दिया गया। वर्षा परते का आरोप है कि एक नियुक्ति के लिए उन पर शासन और प्रशासन दबाव बनाया जा रहा था। नियमों के खिलाफ जाकर वह काम नहीं करना चाहता था जिसके चलते वह काफी परेशान भी था जिसकी जानकारी उन्होंने अपनी बहन से भी साझा की थी।


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