भोपाल। अयोध्या नगर पुलिस ने शातिर पिता पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों ने पीएमओ के लेटर पर विधुत विभाग में सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर युवक को दस लाख रुपए की चपत लगा दी है। जासलाज पिता-पुत्र ने दिल्ली और होशंगाबाद में कई लोगों का अपना शिकार बना चुके हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
एसआई राजकुमार कुंसारिया के मुताबिक मिनाल रेसीडेंसी निवासी स्वरिल कुमार पिता बसंत कुमार (32) प्रायवेट कंपनी में पदस्थ हैं। जबकि उनकी भेल में डॉक्टर थी, लेकिन कुछ समय पहले रिटायर्ड हो गई। 2016 में उनकी मां की मुलाकात भेल से 2001 में रिटायर्ड हुए रमेश रिछारिया और उनके बेटे संदीप रिछारिया से हुई थी। इस दौरान पिता-पुत्र ने कहा कि वह उनके बेटे की सरकारी नौकरी लगवा देंगे। उनकी राजनैतिक अच्छी पहचान है। ये बात मां ने जब अपने बेटे स्वरिल कुमार को बताई तो वह पैसा देने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद स्विरिल कुमार ने पिता-पुत्र को बिजली विभाग व एनएनडीसी में क्रय प्रबंधक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उनकी बातों में आकर युवक ने पिता-पुत्र को दस लाख रुपए की रकम 1 मई 2016 को दे दी। उसके बाद जालसाजों ने उसे पीएमओ का लेटर दिया, जिसमें नियुक्ति संबंध आदेश लिख हुए थे। बाद में पता चला कि वह लेटर फर्जी है, और उसकी नौकरी भी नहीं लग सकी। जालसाजी का खुलासा होने पर युवक ने अपनी रकम मांगी तो उन्होंने लौटाने से इंकार कर दिया। इस मामले को लेकर पीड़ित युवक ने पुलिस अफसरों को शिकायती आवेदन दिया था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों पर मामला दर्ज किया।
जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए झारखंड जाएगी भोपाल पुलिस
भोपाल। फर्जी डीडी देकर निजी कॉलेज को हजारों रूपए की चपत लगाने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बिलखिरिया पुलिस झारखंड जाने की तैयारी में है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से आरोपियों की आईडी पुलिस को सौंपी गई है। जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अतुल चौधरी (40) रायसेन रोड स्थित वीवीएम नर्सिज़्ग कालेज में प्रशासक हैं। उन्होंने पुलिस को एक शिकायती आवेदन दिया था। शिकायत में बताया गया था कि अप्रैल 2019 में अमन और आलम नामक दो युवकों ने उनके डायरेक्टर से संपर्क किया और नर्सिंग कालेज में 13 बच्चों का एडमीशन कराने की बात कही। इसके लिए उन्होंने प्रति छात्र दस हजार रुपये कमीशन मांगा। डायरेक्टर ने दोनों से बातचीत करने के लिए अपने दो कर्मचारी रांची झारखंड भेजे, जहां अमन और आलम मिले। दोनों ने एक होटल में कालेज कर्मचारियों से बात की और तेरह बच्चों के एडमीशन के लिए तैयार कराए गए डीडी दिखाए। कर्मचारियों ने प्रबंधन से बात करने के बाद आठ हजार रुपये नकद और पच्चीस हजार रुपये उनके खाते में बतौर कमीशन ट्रांसफ र कर दिए। इसके बाद दोनों युवक कर्मचारियों के साथ भोपाल पहुंचे और कालेज जाकर डीडी सौंप दी। अगले दिन बैंक की छुट्टी होने के कारण प्रबंधन ने डीडी जमा नहीं की, लेकिन बाकी रुपयों का भुगतान कर दिया। इस प्रकार कालेज ने दोनों युवकों को कुल पचास हजार रुपये दे दिए। रुपये लेने के बाद दोनों भोपाल से लौट गए। उसके बाद प्रबंधन ने बैंक उक्त डीडी जमा किए तो पता चला वह फर्जी हैं। जालसाजों ने तेरह बच्चों के लिए कुल एक लाख सत्तर हजार के डीडी दिए थे, जबकि बाकी फ ीस बच्चों के कालेज पहुंचने पर लेने की बात कही थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द ही एक टीम रांची भेजी जाएगी।