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Sun, Dec 7, 2025

कफ सिरप मामले में डॉक्टर पर एफआईआर का विरोध, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसियेशन की चेतावनी- “तो दवा लिखना बंद कर देंगे”

Written by:Atul Saxena
जहरीला कफ सिरप कोल्ड्रिफ पीने से हुई बच्चों की मौत की संख्या 16 पहुंच गई है, उधर सरकार ने भी इसपर कड़ा एक्शन लेते हुए 'कोल्डरिफ' की बिक्री मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित कर दी है लेकिन कांग्रेस इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साध रही है।
कफ सिरप मामले में डॉक्टर पर एफआईआर का विरोध, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसियेशन की चेतावनी- “तो दवा लिखना बंद कर देंगे”

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीला सिरप “कोल्ड्रिफ”  पीने से हुई 16 बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने बच्चों को दवा लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी और सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी श्रेसन फार्मास्युटिकल को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, शनिवार को देर रात एफ आई आर करने के बाद पुलिस ने रविवार सुबह डॉ सोनी को गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन डॉक्टर पर हुई एफआईआर का विरोध हो रहा है इसे अनुचित बताया जा रहा है।

जहरीला कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत का मामला गर्माता जा रहा है इसे लेकर सियासी पारा चढ़ा हुई है और  अब पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं , एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के एडिटर इन चीफ वीरेंद्र शर्मा ने डॉक्टर सोनी पर पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने वाली मेडिकल ऑफिसर्स एसोसियेशन के संरक्षक डॉ आनंद शर्मा से इस मुद्दे पर बात की।

डॉ सोनी पर एफआईआर का विरोध 

मध्य प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसियेशन के संरक्षक डॉ आनंद शर्मा ने कहा कि ये देश कानून से चलता है , किसी भी व्यवस्था के लिए एक्ट बने हुए उसी के अनुसार काम होता है लेकिन कफ सिरप मामले में डॉक्टर पर एफआईआर तो बनती ही नहीं है।

एसोसियेशन ने किये सरकार से सवाल 

डॉ आनंद शर्मा ने कहा की ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में लाइसेंस कंट्रोलर देता है, दवा की चैकिंग भी ड्रग कंट्रोलर करते है तो इसमें डॉक्टर की गलती कहाँ से है, डॉक्टर तो मरीज को ठीक करने के लिए दवा लिखता है उसे तो नहीं पता दवा में क्या मिला है क्योंकि ये उसका काम ही नहीं है।

डॉक्टर सॉफ्ट टारगेट उसके पास कोई दंडात्मक अधिकार ही नहीं

डॉ शर्मा ने कहा यदि सरकार दवा बनाने, उसके अन्दर क्या है ये चैक करने की जिम्मेदार भी डॉक्टर को दे देगी तो फिर मरीजों को कौन देखेगा? ओपीडी , अस्पताल के मरीज कौन देखेगा? एक सवाल के जवाब में डॉ शर्मा ने कहा कि ये सब इसलिए होता है क्योंकि डॉक्टर सॉफ्ट टारगेट है उसके पास कोई दंडात्मक अधिकार ही नहीं है।

दवा यानि डॉक्टर, मरीज और कुछ नहीं जानता 

डॉ आनंद शर्मा ने जनता तो दवा से जुड़े किसी भी मामले में डॉक्टर को ही जानती है, दवा यानि डॉक्टर, उसे दवा से  जुडी बाकी बातों से कोई मतलब ही नहीं होता, उन्होंने कहा कि यदि दवा से जुड़ी किसी भी मामले में यदि डॉक्टर को दोषी ठहराया जाता है तो एसोसियेशन के पास एक ही विकल्प बचता है कि वो दवा ही लिखना बंद कर दे।

एसोसियेशन की मांग, जो जिम्मेदार उसपर सबसे पहले कार्रवाई हो   

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के एडिटर इन चीफ वीरेन्द्र शर्मा ने इसपर कहा कि इससे तो अराजकता आ जाएगी, जिसपर डॉ आनंद शर्मा ने कहा कि आखिर डॉक्टर क्या करे?या तो वो जेल जाये या जनहित करे, जनहित करे तो भी उसे जेल जाना है यानि डॉक्टर के पास कोई विकल्प ही नहीं है, हमारी मांग है सरकार को इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार पर सबसे पहले कार्रवाई करनी चाहिए ना कि डॉक्टर पर।