भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। टैक्स विवादों के निपटान के लिए लाई गई ‘विवाद से विश्वास’ योजना की समय सीमा अब 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इस योजना के अंतर्गत कर दाता सरकार के साथ बिना अतिरिक्त शुल्क के अपने पुराने टैक्स विवाद को निपटा सकते हैं। ‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम से करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा और आयकर विभाग तथा करदाताओं के बीच विवादों की संख्या कम होगी। साथ ही विवादित राजस्व की प्राप्ति भी सरकार को हो पाएगी। यह बात मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त आर.के. पालीवाल ने कही।
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने सोमवार को पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार तथा भोपाल और आयकर विभाग (म.प्र. तथा छ.ग.) द्वारा आयकर विभाग के दो विशिष्ट कार्यक्रमों ” विवाद से विश्वास और “फेसलेस एसेसमेंट” पर आयोजित वर्चुअल मीडिया संवाद को संबोधित करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि ‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का उद्देश्य करदाताओं और आयकर विभाग के बीच होने वाले विवादों को न्यूनतम करके परस्पर विश्वास बढ़ाना है। आर.के. पालीवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कर संबंधी 36 हजार विवाद लंबित हैं, फेसलेस असेसमेंट कार्यक्रम से पारदर्शिता बढ़ेगी और सद्भाव का वातावरण भी बनेगा । उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ करदाताओं के समय की बचत होगी बल्कि आयकर विभाग की दक्षता भी बढ़ेगी। इस कार्यक्रम से करदाताओं और आयकर विभाग के बीच गलतफहमियां भी कम होंगी। फेसलेस असेसमेंट कार्यक्रम से करदाताओं को बेवजह आयकर विभाग के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।
उन्होने बताया कि आज से फेसलेस अपीलों का कार्यक्रम भी प्रारंभ हो गया है। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने आयकर विभाग (मप्र एवं छग) के एक डेडिकेटेड ई-मेल का भी जिक्र किया जिसके द्वारा करदाता अपने कराधान से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि मप्र और छग के सभी 5 जोन के लिए 5 डेडिकेटेड मोबाइल फोन नंबर बनाए गए हैं जिसके जरिए विवाद से विश्वास के तहत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। श्री पालीवाल ने कहा कि आज दिनांक तक 2750 मामले ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत फाइल किए गए हैं। कार्यक्रम में श्री पालीवाल ने मीडियाकर्मियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
पत्र सूचना कार्यालय, भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठराबे ने इस वर्चुअल मीडिया संवाद का विषय प्रवर्तन किया और ” विवाद से विश्वास और फेसलेस एसेसमेंट” कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि करदाता और आयकर विभाग के बीच सामंजस्य और विश्वास बढ़ाने में ये दोनों योजनाएं काफी सफल साबित होंगी। कार्यक्रम का संचालन पीआईबी, भोपाल के निदेशक अखिल कुमार नामदेव ने किया।