भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गुरुवार को करीबन साढ़े सात घंटे तक चली कलेक्टर-कमिश्नर मैराथन कॉफ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए है, उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि थानों की रैंकिंग होनी चाहिए, जो अच्छा कर रहे है उसका श्रेय भी देना चाहिए। भोपाल पुलिस की तारीफ करते कहा हुए भोपाल में इसे इसे बहुत अच्छे से किया है, बाकि जिले भी इसे अपनाएं। एक ओवरऑल रैंकिंग हमें करना चाहिए। जैसे भारत सरकार राज्यों की रैंकिंग करती है- वैसे ही हमें जिलों की रैंकिंग करनी चाहिए। डेवलपमेंट के काम हर एक जिला चिन्हित करे- और जिले की अलग पहचान बने, समय सीमा में पूरे हों। डेवलपमेंट के काम इतिहास रचें, जो रिकॉर्ड समय में बने। कुछ मानवीयता से जुड़े काम भी करें- जैसे रैनबसेरे बनाने का काम।
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वही मुख्यमंत्री बैठक में जुड़े आईएएस अधिकारियों से कहा की सभी कलेक्टर्स से कहना चाहता हूं- आप जो कर रहे हैं – आप इतिहास रच सकते हैं, आप बता सकेंगे कि आपने अपनी सर्विस में यह काम किया। वह उदाहरण बन सकता है। 25 फरवरी को हम फिर रोजगार मेले का आयोजन करेंगे स्वरोजगार का हमारा अभियान लगातार जारी रहे। कुछ योजनाओं पर ध्यान जाना जरूरी है- उज्ज्वला योजना, आयुष्मान, पीएम स्वनिधि का टारगेट पूरा करें। पीएम आवास योजना का टारगेट अचीव करें। जनकल्याण की योजनाओं को पूरा करने में अपनी एनर्जी लगाएं। मुझे यह कहते हुए संतोष है कि केंद्र की योजनाओं में हमने अच्छा काम किया। आपने जो काम किया है वह जनता के बीच जाना चाहिए।हर अच्छे काम का श्रेय राज्य सरकार को, जिला प्रशासन को मिले इसमें कोई संकोच नहीं करना है। 5 लाख से अधिक लोगों को हमने रोजगार दो महीने में दिया यह बड़ी उपलब्धि है योजनाओं का क्रियान्वयन ढंग से करना है।
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मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए की अधिकारी पूरी पारदर्शिता के साथ काम करें। संवेदनशीलता का गुण हम में होना चाहिए – एक दिन मैं रैनबसेरों के निरीक्षण के लिए निकल गया। आप क्यों नहीं निकल सकते। कोई गरीब फुटपाथ पर क्यों सोए, कोई बुजुर्ग भूखा क्यों रहे- यह हमारा काम नहीं है तो किसका है। अखबार में जो मानवीयता से जुड़ी खबरें आती है- उस पर हम मदद करें। इलाज आदि की व्यवस्था करें, सरकार लोगों की मदद के लिए ही तो है। ऐसे जिले मेरे ध्यान में हैं- जहां गड़बड़ है, मैं वेरीफाई करूंगा, फिर देखूंगा। आपके नीचे का अधीनस्थ यदि गड़बड़ कर रहा है तो आप भी जिम्मेदार हैं। आपको नजर रखनी है कोई गड़बड़ी न करे। यह हम सबको मिलकर करना चाहिए – तब हम बेहतर कर पाएंगे, जिन लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिला- वह देखें। उन्हें लाभ दें। जनकल्याण, सुशासन और विकास यह मध्यप्रदेश की पहचान बने।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा की बैठक में आज जितनी चीज़ें हुई हैं, उसका पालन, प्रतिवेदन हो। अगली बार हम फिर बैठेंगे, यानि इशारा साफ था की आज की इस बैठक में जो दिशा निर्देश दिए गए है, उन्हे जरूर माने।