भोपाल| जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए| मध्य प्रदेश के लाल ने भी देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है| जबलपुर जिले के अश्विनी कुमार काछी को शनिवार को अंतिम विदाई दी जायेगी| मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को शहीद के गांव खुडावल जाएंगे और परिवार से मिलकर संवेदना जताएंगे| इधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शहीद के परिजनों से मिलने और उन्हें श्रद्धाजंलि देने जबलपुर के खुड़ावल जाएंगे।
कमलनाथ कैबिनेट की शनिवार 16 फरवरी को जबलपुर में बैठक है| सीएम उसी दौरान खुडावल गांव जाकर शहीद के परिवार से मिलेंगे और परिवार को सांत्वना देंगे| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बहादुर नौजवान पर पूरे प्रदेश को गर्व है। कमलनाथ ने कहा कि यह शहादत बताती है कि हमारे प्रदेश के नौजवानों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने का साहस है। उनकी वीरता का ही परिणाम है कि दुश्मन कायराना हमले पर उतर आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शहीद अश्विनी कुमार के परिवार को सलाम करते हैं, जिन्होंने अपने वीर सपूत को देश की रक्षा के लिए सीमा पर भेजा। आतंकवाद का कोई भी स्वरूप प्रदेश और देश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और उसे समूल नष्ट करने के लिये कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
सरकार ने एक करोड़ की सहायता राशि का किया ऐलान
राज्य शासन ने शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपए की राहत राशि, एक मकान और परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नौकरी देने की घोषणा की है। शहीद अश्विन कुछ साल पहले ही सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। सिहोरा के खूडावल गाँव जहा के 90 प्रतिशत युवा सेना में भर्ती है और देश की सेवा करने का भाव बचपन से ही खुडावल गाँव के युवाओं में रहता है। शहीद अश्विन को भी सेना में जाकर देश की सेवा करने का जज़्बा था|
शादी के लिए लड़की देख रहे घरवाले, नवरात्रि में आये थे गांव
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ की 35 बटालियन में पदस्थ अश्वनी कुमार काछी की शहीद होने की खबर जैसे ही गाँव मे पहुँची वैसे ही पूरे गाँव सहित जबलपुर में शोक की लहर दौड़ गई। सुकरू काछी ने बेटे की शहादत की खबर सुनने के बाद भी अपना हौसला बनाए रखा। उन्होंने पत्नी कौशल्या और बेटों को अश्वनी के शहीद होने की खबर दी। फिर खुद को सम्भालते हुए परिवार का हौसला भी बढ़ाने लगे। इस कायराना हमले को लेकर परिवार सहित पूरा गांव आक्रोशित है। पुलवामा में शहीद अश्वनी सुकरू की पांच संतानों में अश्वनी सबसे छोटे थे। उनसे बड़े सुमंत, अनिल, अवधेश और बेटी ललिता हैं। अश्विन अविवाहित था और उड़के विवाह की बात चल रही थी।अश्विन आखिरी बार नवरात्रि में आए थे।