भोपाल।
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दिया गया आदेश विभाग द्वारा दरकिनार किया जा रहा है, जिसे लेकर सीएम कमलनाथ ने नारजगी जाहिर की है। सालों से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए सीएम ने पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ ही दिनों में यह व्यवस्था ठप हो गई है|
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दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद सीएम कमलनाथ ने शपथ ग्रहण करने के बाद ही पुलिस विभाग के लिए सप्ताह में एक दिन अवकाश देने की घोषणा की थी। जिसे घोषण करने के बाद कुछ दिनों तक तो लागू रखा लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव में आचार सहिंता के दौरान अवकाश मिलना बंद हो गया। उसके बाद आचार सहिंता खत्म होने के बाद भी पुलिस कर्मियों को अवकाश नहीं मिला। जब इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को जानकारी लगी तो उन्होंने नारजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब इस आदेश को इस नियम को रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है तो फिर अवकाश क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने तत्काल इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करके इसे लागू करने की बात कही। बताया जा रहा है कि बल की कमी के चलते इसे दोबारा शुरू नहीं किया जा सका।
कुछ ही दिन चल सकी यह व्यवस्था-
मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणा के बाद तत्कालीन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने नए साल से राजधानी के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की शुरुआत की थी| भोपाल में प्रतिदिन 351 पुलिसकर्मियों को अवकाश दिया जाना था। इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन आठ हजार पुलिसकर्मी अवकाश पर रहते। बीते गुरुवार को गृहमंत्री बाला बच्चन ने भोपाल जोन की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया के सामने कहा है कि साप्ताहिक अवकाश के लिए योजना बना ली गई है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा। लेकिन सरकार की यह व्यवस्था विभागीय आला अफसरों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते निरंतर नहीं चल सकी।