सीएम डॉ मोहन यादव ने “राष्ट्रीय कला उत्सव” का शुभारंभ किया, शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप बोले, ये आयोजन स्कूली बच्चों के भविष्य का आधार बनेगा

आज से प्रारम्भ इस चार दिवसीय उत्सव में कला साधकों द्वारा गायन, वादन, नृत्य, दृश्य कला के साथ रंगमंच एवं परंपरागत कहानी आदि कलाओं का प्रदर्शन किया जायेगा।

Atul Saxena
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National Art Festival Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज भारतीय कला के अलग अलग रंग देखने की मिले, अलग अलग जगहों से आये स्कूली बच्चों के आकर्षक रंग बिरंगे परिधान माहौल को चार चाँद लगा रहे थे  अवसर था कला, संस्कृति के नव उद्भव राष्ट्रीय कला उत्सव का, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आयोजन का शुभारंभ किया

भोपाल के एनसीईआरटी परिसर, भोपाल में आयोजित 10वें “राष्ट्रीय कला उत्सव” के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ सीएम ने करते हुए कहा कि युवा कलाकारों ने अपनी अद्भुत कला के प्रदर्शन से मंत्रमुग्ध कर दिया। सत्य है कि संगीत और कला के माध्यम से मानव जीवन समृद्ध होता है। यह उत्सव देश की कला को समृद्ध और संरक्षित करने का अभिनव प्रयास है।

पीएम मोदी की पहल है राष्ट्रीय कला उत्सव 

उन्होंने कहा,  स्कूली विद्यार्थियों की कला को पहचानकर उसे निखारने एवं आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कला उत्सव’ प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। जो लगातार जारी है ये ना सिर्फ युवाओं के कौशल को निखरता है बल्कि उन्हें भारत की संस्कृति से जोड़े भी रखता है।

बच्चों को एक्सपोजर मिलेगा, उनक अकुशल निखरेगा 

कार्यक्रम में शामिल स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ये प्रदेश के लिए खासकर भोपाल के लिए गौरव की बात है कि पूरे देश के बच्चे यहाँ अपने कला कौशल का प्रदर्शन करेंगे, हम यहाँ उनका स्वागत करते हैं, उन्होंने कहा ये आयोजन बच्चों के भविष्य का आधार बनेगा, उन्हें एक एक्सपोजर मिलेगा , उल्लेखनीय है कि आज से प्रारम्भ इस चार दिवसीय उत्सव में कला साधकों द्वारा गायन, वादन, नृत्य, दृश्य कला के साथ रंगमंच एवं परंपरागत कहानी आदि कलाओं का प्रदर्शन किया जायेगा।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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