सीएम डॉ मोहन यादव ने तीनों सेनाओं के पराक्रम को सराहा, कहा- ये चुनौती का समय और गर्व का पल, PM Modi के लिए कही बड़ी बात

मुख्यमंत्री ने कहा- विविध जनजातीय कलाओं, शिल्प और संस्कृति का यह संगम हमारी समृद्ध विरासत की झलक है। हमारी सरकार पारंपरिक शिल्प और लोककलाओं को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। 

Bhopal News : मध्य प्रदेश एक मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पाकिस्तान के हमले का जवाब देने वाली भारतीय सेनाओं के पराक्रम की सराहना की है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो नापाक हरकत की है उसका मुंहतोड़ जवाब उसे मिला है हमारी सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पाकिस्तान को उसकी करनी की कीमत चुकाने पर मजबूर कर देंगे

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया, उन्होंने तीन दिवसीय आयोजन में शुभारंभ अवसर पर जीआई टैग प्राप्त गोंड चित्रकला के चार कलाकारों को ऑथोराइज्ड यूजर कार्ड प्रदान कर शुभकामनाएं दीं। साथ ही छिंदवाड़ा क्षेत्र में स्वतंत्रता सेनानी बादल भोई जी की स्मृति में बने संग्रहालय पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।

हमारी सेना ने पाकिस्तान के होश फाख्ता कर दिए

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा पाकिस्तान की हरकत का हमारी सेना और सरकार ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि उसके होश फाख्ता कर दिए ये हमरे लिए चुनौती का समय भी है और गर्व का पल भी है  पिछले 11 साल में जिस तरह से मोदी जी ने विश्व में पहचान बनाई साथ ही उन्होंने संकट काल में देश आधुनिक संसाधनों से कैसे मजबूत हो ये हमने अभी देख लिया है।

हम सब हमारी सेनाओं और मजबूत आधुनिक सुरक्षा संसाधनों के कारण सुरक्षित 

उन्होंने कहा दुश्मन ने कोई कसर बाकी नहीं रखी, चारों तरफ से घेरने का प्रयास किया  लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखाया, हम सब यदि सुरक्षित हैं तो हमारी सेनाओं और मजबूत आधुनिक सुरक्षा संसाधनों के कारण है इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद कहना चाहूँगा।

दुश्मन इतना ढीठ है कि उसको असर भी नहीं होता

डॉ मोहन यादव ने कहा कि दुश्मन ने यदि हिमाकत की है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी , वो लगातार मार खा रहा है लेकिन दुश्मन इतना ढीठ है कि उसको असर भी नहीं होता लेकिन हम पाकिस्तान को उसकी करनी की कीमत चुकाने के लिए मजबूर करेंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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