MP News : चलती ट्रेन में बीमार हुए शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफ़ेसर रंजीत सिंह जान बचाने के लिए हाई कोर्ट जज की कार छीनने वाले दोनों छात्र अभी भी जेल में हैं, पुलिस ने उनपर डकैती की धाराओं में मामला दर्ज किया है, जिससे जमानत मुश्किल हो गई है, इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी इस घटना पर एक्शन लिया है और इसकी सीआईडी जाँच के आदेश दिए हैं।
छात्रों के द्रष्टिकोण और तरीके पर क्या बोले सीएम मोहन यादव?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि बच्चों ने जो किया वो मानवीय द्रष्टि से उचित था लेकिन उनका तरीका गलत था फिर भी मैंने पुलिस महानिदेशक से इस संबंध में बात की है और उनसे कहा है ऐसी घटना में डकैती की धारा लगाना अनुसचित है आगे से इस तरह की घटना पर पूरी जाँच के बाद उसके आपराधिक रिकॉर्ड देखने के बाद ही डकैती की धाराएँ लगनी चाहिए।
सीएम ने डीजीपी को क्या आदेश दिए?
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पहले पूरी जाँच होनी चाहिए, मैंने इस पूरी घटना की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही हम कोशिश करेंगे कि हम छात्रों की क्या मदद कर सकते हैं क्योंकि ये मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला है, मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी से निवेदन करना चाहूँगा कि यदि इस प्रकार की कोई घटना घटती है तो कायमी कराने वाला पक्ष भी मानवीय भाव से सोचकर चलें।
क्या था पूरा घटनाक्रम?
आपको बता दें कि बीती 10 दिसंबर को ट्रेन से यात्रा कर रहे शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफ़ेसर रंजीत सिंह को मुरैना में हार्ट अटैक आया था, ट्रेन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता भी यात्रा कर रहे थे उन्होंने वीसी की मदद के लिए रेलवे से कहा लेकिन मुरैना रेलवे स्टाफ ने ग्वालियर में मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन जब ट्रेन ग्वालियर पहुंची तो छात्रों को स्टेशन पर एम्बुलेंस नहं मिली, छात्रों के मुताबिक वे करीब आधा घंटे तक पुलिस और रेलवे से मदद मांगते रहे उसके बाद उन्होंने वहां खड़ी कार के ड्राइवर को नीचे उतारा और उसमें वीसी की लेकर अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने कौन सी धाराओं में दर्ज किया मामला?
बाद में पता चला कि कार एक हाई कोर्ट जज की थी जिनका ड्राइवर उनका इंतजार कर रहा था, हाई कोर्ट जज की कार जबरन छीनकर ले जाने से हडकंप मच गया रेलवे पुलिस ने छात्रों पर लूट और डकैती की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया और फिर कार छीनकर ले जाने वाले छात्र हिमांशु और सुकृत को गिरफ्तार कर लिया जो अब जेल में हैं।
सीएम मोहन यादव ने क्या अपील की?
गौरतलब है कि इस घटना एक बाद से ABVP इन छात्रों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए आन्दोलन चला रहे हैं, परिजन भी परेशान है, सब जगह एक ही मैसेज जा रहा है कि बीमार की मदद करने और मानवता दिखाने के बदले छात्रों को जेल मिली है ये गलत है, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कल गुरुवार को मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर छात्रों पर दर्ज प्रकरण वापस लेने और उन्हें क्षमा कर देने का अनुरोध किया है अब इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आगे आये हैं।