पुलवामा के शहीदों को सीएम मोहन यादव ने किया नमन, बोले- पीएम मोदी की हिम्मत और सैनिकों के शौर्य ने दुश्मन की बोलती बंद कर दी है

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि पुलवामा हमले में CRPF के 40 जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी , मैं उन्हें नमन करता हूँ, मुझे गर्व होता है कि हमारे जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किये  साथ ही संतोष भी होता है कि पड़ोसी दुश्मन को इस हमले के बदले में सर्जिकल स्ट्राइक एयर स्ट्राइक कर उसकी बोलती बंद कर दी, उसके बाद फिर कभी ऐसा मौका नहीं आया कि दुश्मन आँख उठाकर नहीं देख पाया।  

CM Mohan Yadav Pulwama

Tribute to Pulwama attack martyrs : आज से पांच साल पहले 14 जुलाई 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश की रक्षा करते हुए CRPF के 40 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, देश हर साल उन्हें नमन करता है और उनके शौर्य को याद करता है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज शौर्य स्मारक पहुंचकर अटल ज्योति पर शहीदों को पुष्पांजली अर्पित की।

बलिदानी वीर जवानों का देश सदैव ऋणी रहेगा 

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मातृभूमि की संप्रभुता व अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों का यह देश सदैव ऋणी रहेगा। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद माँ भर्ती के 40 वीर जवानों और उनके शौर्य व बलिदान को कोटि-कोटि नमन करता हूं।

भारत ने जवाब देकर दुश्मन की बोलती बंद कर दी है 

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में CRPF के 40 जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी , मैं उन्हें नमन करता हूँ, मुझे गर्व होता है कि हमारे जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किये  साथ ही संतोष भी होता है कि पड़ोसी दुश्मन को इस हमले के बदले में सर्जिकल स्ट्राइक एयर स्ट्राइक कर उसकी बोलती बंद कर दी, उसके बाद फिर कभी ऐसा मौका नहीं आया कि दुश्मन आँख उठाकर नहीं देख पाया।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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