सीएम शिवराज ने किया कांग्रेस पर हमला, बताया विष कुम्भ, कमल नाथ ने किया पलटवार

Atul Saxena
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CM Shivraj attacked Congress : कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं, हमेशा की तरह उन्होंने इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में वहां बहुत सी बाते कहीं , भारत के लोकतंत्र पर भी सवाल उठाये है। राहुल गांधी के बयान को भाजपा देश का अपमान और प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं मानती।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब मीडिया ने आज राहुल गांधी के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से कांग्रेस के नेता बुरी तरह बौखलाए हुए हैं, इसलिए वे सामान्य शिष्टाचार और प्रधानमंत्री पद की गरिमा भूल जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस मैदान पर मुकाबला नहीं कर पाती तो ऐसे मन के भाव शब्दों में बाहर आते हैं, सूरज पर यदि कोई धुल डालने की कोशिश करेगा तो वो धूल  उसी के चेहरे पर गिरेगी  प्रधानमंत्री मोदी आज दुनिया में विकास और जनकल्याण के प्रतीक हैं। कांग्रेस विष कुम्भ जैसी हो गई है प्रधानमंत्री तो नीलकंठ हैं वे विषपान कर लेते हैं।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बयान सामने आया तो पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ कहाँ चुप रहने वाले थे , उन्होंने ट्वीट किया – “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी आज आपने कांग्रेस पार्टी को विषकुंभ कहा। आज देश आजादी का जो अमृत महोत्सव मना रहा है उसके लिए कांग्रेस पार्टी के महान नेताओं लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और सुभाष चंद्र बोस सहित लाखों कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन समर्पित किया है। कांग्रेस पार्टी को गालियां देकर आप आजादी के आंदोलन और कांग्रेस के महान नेताओं का अपमान कर रहे हैं। आज भोपाल रियासत का भारतीय संघ में विलय का दिन भी है। इस विलय के पीछे भी देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के महान नेता डॉ शंकर दयाल शर्मा का महान योगदान था। आज आपके शब्दों ने दिखा दिया कि राष्ट्र और राष्ट्र भक्तों के प्रति आपके मन में कोई सम्मान नहीं है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आपको सद्बुद्धि दें और सत्य के मार्ग पर अग्रसर करें। सत्यमेव जयते।”

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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