सोनिया गांधी से बोले सीएम शिवराज, कांग्रेस स्पष्ट करे क्या कन्या पूजन नाटक नौटंकी है?

MP Election 2023, Shivraj Singh attack on Digvijaya Singh

Shivraj Singh attack on Digvijaya Singh : कन्या पूजन  को नाटक नौटंकी बताकर दिग्विजय सिंह घिर गए हैं, भाजपा उनके इस बयान पर हमलावर है, दिग्विजय के बयान के बाद से  सीएम शिवराज से लेकर भाजपा के सभी नेता कांग्रेस की धर्म की धर्म को लेकर सोच पर सवाल खड़े कर रहे हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी से पूछा है कि वो स्पष्ट करें,  कांग्रेस स्पष्ट करे कि कन्या का पूजन क्या नाटक नौटंकी है?

दिग्विजय के “कन्या पूजन नौटंकी” वाले बयान से गरमाई सियासत 

सनातन धर्म और लोगों की धार्मिक आस्था पर बयानबाजी कर चर्चा में बने रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर धर्म का मखौल उड़ाने वाला बयान दिया उन्होंने नवरात्रि के नौवे दिन भाजपा नेताओं द्वारा किये गए कन्या पूजन को नाटक नौटंकी कहकर फिर विवाद खड़ा कर दिया है।

दिग्विजय के बयान के बाद कांग्रेस पर हमलावर है भाजपा 

दिग्विजय सिंह के बयान के बाद से भाजपा उनपर और कांग्रेस पर हमलावर है, चुनावी माहौल में भाजपा इसे कांग्रेस का धर्म,  आस्था और सनातन विरोधी आचरण बता रही है, जब से दिग्विजय सिंह का ये बयान आया है तभी से भाजपा का हर छोटा बड़ा नेता इसी की चर्चा कर रहा है और दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रहा है।

सीएम शिवराज सिंह ने साधा दिग्विजय पर निशाना 

सीएम शिवराज भी दिग्विजय सिंह पर हमलावर हैं उन्होंने कहा कि दशहरा अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है , अहंकार पर विनम्रता का पर्व है लेकिन कांग्रेस इसे नहीं समझती क्योंकि उसे तो सनातनी परंपरा का अपमान करना आता है, उन्होंने कहा कि मैं तो रोज कन्या पूजन करता हूँ, बहन बेटियों के पैर धोकर उसका पानी माथे पर लगाता हूँ लेकिन दिग्विजय सिंह को ये नाटक नौटंकी दिखती है।

मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से किया सवाल, क्या है कांग्रेस का स्टैंड 

शिवराज ने कहा कि जो कांग्रेसी बहन बेटी को कभी आइटम, कभी टंच माल कहते हैं वे बहन बेटी के पूजन के भाव को क्या समझेंगे, उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी स्पष्ट करें कि कांग्रेस का क्या स्टैंड हैं? क्या उन्हें भी कन्या पूजन नाटक नौटंकी लगता है? सीएम शिवराज ने कहा मैं तो रोज करता हूँ और आगे भी करता रहूँगा, कोई कुछ भी कहता रहे, मैं पैर भी पखारूँगा और इनके सशक्तिकरण के लिए कोई कसर भी नहीं छोडूंगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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