सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा : रामचरितमानस, गीता और महाभारत के प्रसंग स्कूली पाठ्यक्रम में होंगे शामिल

Atul Saxena
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CM Shivraj Singh Chauhan big announcement : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज घोषणा की कि रामचरितमानस सहित गीता और महाभारत के प्रसंगों को शालेय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह प्रसंग नैतिक शिक्षा और आध्यात्म की शिक्षा में सहायक होंगे। मुख्यमंत्री नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर विद्या भारती मध्यभारत प्रांत, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश के सुघोष दर्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

भोपाल के ओल्ड कैम्पियन क्रिकेट ग्राउण्ड में आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर विद्या भारती मध्यभारत प्रांत, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश का सुघोष दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कार्यक्रम स्थल पर माँ सरस्वती के चित्र और ऊँ की आकृति पर माल्यार्पण किया।

मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध 

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ प्रकटीकरण अपनी मातृभाषा में होता है। अंग्रेजी के आधिपत्य को समाप्त कर मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। इसी दिशा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में कराने की पहल की गई है। जल्दी ही रामचरित मानस सहित गीता और महाभारत के प्रसंगों को शालेय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह प्रसंग नैतिक शिक्षा और आध्यात्म की शिक्षा में सहायक होंगे।

1500 से अधिक विद्यार्थी, आचार्य, शिक्षक हुए शामिल 

 

कार्यक्रम में 16 जिलों के 75 विद्यालयों के 1500 से अधिक विद्यार्थी, आचार्य, शिक्षकगण सम्मिलित हुए। आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यभारत प्रांत की 75 घोष इकाइयों के विद्यार्थियों द्वारा बंशी वादन, शंख वादन, साइड ड्रम, बॉस ड्रम सहित अन्य वाद्य यंत्रों का वादन करते हुए ऊँ, स्वास्तिक चिन्ह, सुघोष 2023 तथा 75 के अंक की आकृति का निर्माण किया गया।

कभी भुलाया नहीं जा सकता नेताजी का योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा है कि हजारों क्रांतिकारियों के कड़े संघर्ष और बलिदान के परिणामस्वरूप हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। आजादी के बाद लम्बे समय तक कई क्रांतिकारियों का उल्लेख तक नहीं किया गया। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का अंग्रेजों से मुक्ति में महत्वपूर्ण योगदान रहा। “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” के उनके वाक्य ने पूरे देश में ऊर्जा का संचार किया। उनके नेतृत्व में ही आजाद हिन्द फौज ने सबसे पहले देश का ध्वज फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा स्थापित कर उनके योगदान का ऋण उतारने का प्रयास किया है।

सुघोष दर्शन कार्यक्रम विद्यार्थियों की शारीरिक क्षमता और संगठन क्षमता बढ़ाने में सहायक

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। यहाँ की परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने के लिए विद्या भारती द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भारत प्राचीन काल से ही विश्वगुरू रहा है। शिक्षा के तीन उद्देश्य हैं ज्ञान अर्जित करना, कौशल विकास और नागरिकता के संस्कार विकसित करने की दिशा में विद्या भारती द्वारा संचालित गतिविधियों से विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के प्रकटीकरण के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। सुघोष दर्शन जैसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों की शारीरिक क्षमता में वृद्धि के साथ सामूहिक रूप से कार्य करने की प्रवृत्ति में वृद्धि कर संगठन क्षमता बढ़ाने में सहायक है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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