अब दूध पर तकरार : सीएम शिवराज का सवाल- कांग्रेस ने दूध पर 5 रु लीटर बोनस का वादा क्यों नहीं निभाया, कमल नाथ बोले-आपने दूध का दही कर दिया

Atul Saxena
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Shivraj – Kamal Nath allegations, counter-allegations :  सीएम शिवराज और कमल नाथ ने मिशन 2023 के लिए कमर कस ली है, दोनों ही बड़े नेता अपने अपने स्तर पर प्रदेश की जनता को प्रभावित करने का प्रयास में जुट गए हैं, अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ जनता के बीच जा रहे सीएम शिवराज ने अब पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के सवालों के जवाब में उन्हीं से सवाल शुरू कर दिए हैं जिसने प्रदेश की राजनीति को और गरमा दिया है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कल पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath) से कुछ सवाल किये थे, जवाब में कमल नाथ ने कहा था कि क्या कोई मुख्यमंत्री सवाल करता है ? आज शिवराज ने फिर कमल नाथ से सवाल किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल हमने कमल नाथ जी से सवाल पूछा तो वह बौखला गए, अब वह कह रहे है मुख्यमंत्री कोई सवाल पूछता है क्या?

शिवराज ने कहा कि आप जनता को भ्रमित करते रहो, झूठ बोलते रहो और हम कुछ पूछे भी नहीं? शायराना अंदाज में सीएम ने कहा – कमलनाथ जी, “तू न इधर उधर की बात कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा”? तुम ये बताओ वादे पूरे क्यों नहीं किए? कल मैंने पूछा था कांग्रेस ने 2018 में किसानों को वचन दिया था। गेहूं, चना, सरसों से लेकर सभी फसलों पर बोनस देंगे, लेकिन धेला नहीं दिया और फिर भ्रम फ़ैलाने निकले हैं। जवाब देना पड़ेगा। पहले दिए वादे क्यों पूरा नहीं किया। बोनस नहीं दिया उसका जवाब दो।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हम तो सवाल पूछेंगे, आज दूसरा सवाल पूछ रहा हूँ।  कमल नाथ जी आपने 2018 के वचन पत्र में कहा था कि दूध उत्पादक कृषकों को दुग्ध संघ के माध्यम से प्रति लीटर 5 रुपये  बोनस देंगे। आपने सवा साल में धेला दिया क्या?  जवाब देना पड़ेगा, सवाल हम पूछेंगे,  जनता जवाब चाहती है।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने ट्विटर एकाउंट पर सीएम शिवराज पर हमला करते हुए कहा – “मध्य प्रदेश में कोई भी विकास कार्य ना करने की शपथ ले चुके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से मैं यह पूछना चाहता हूं कि आपने भाजपा के “नारी शक्ति संकल्प पत्र” में ”कृषि उपज और दूध के प्राथमिक प्रसंस्करण हेतु महिला स्वयं सहायता समूह और एफपीओ को 20 लाख रुपए तक का दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण देने” का वादा किया था। क्या आप जनता के सामने तथ्य रखकर बताएंगे कि इस घोषणा पर क्या प्रगति हुई? या फिर दूध पर किए इस वादे का भी आपने दही कर दिया?

कमल नाथ ने लिखा – “मैं आपसे पुनः निवेदन करता हूं कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा को पहचानिए। गाल बजाना बंद कीजिए और हाथ चलाना शुरु कीजिए। जो कुछ महीने आपकी खरीद-फरोख्त की सत्ता के बचे हैं, उसमें एक काम तो जनकल्याण का कर दीजिए।”

सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमल नाथ के बीच शुरू हुआ ये सवालों का सिलसिला इस बार कुछ अलग ही राजनीतिक गर्मी ला रहा है, शिवराज सिंह चौहान और उनके सरकार के सहयोगी अपनी सरकार के 18 साल के विकास कार्यों को लेकर मैदान में हैं वहीँ भाजपा की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताने वाली कांग्रेस पूर्व  मुख्यमंत्री कमल नाथ और अन्य नेताओं के सहारे कांग्रेस की 15 महीने की सरकार की उपलब्धियां गिना रही है। अब देखना होगा कि प्रदेश का मतदाता किसपर ज्यादा भरोसा करता है ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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